कोरबा, नईदुनिया न्यूज। एक सरकारी प्राथमिक शाला जहां केवल एक छात्र है और उसे पढ़ाने के लिए रोज दो शिक्षक आते हैं। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारी भी हैं। एक बच्चे के लिए 4 कर्मचारियों का स्टापᆬ काम कर रहा। पिछले चार साल से लगातार बच्चों की संख्या घटने के बाद यह नौबत आई है।
लापरवाही की हद तो यह है कि वर्ष 2014-15 के दौरान शिक्षा विभाग ने इस स्कूल का समायोजन नजदीक स्कूल में नहीं किया। अव्यवस्था का आलम यह है कि एक तरफ एक बच्चे के लिए 2 शिक्षक है तो दूसरी तरफ जिले के 94 ऐसे स्कूल हैं, जहां केवल एक शिक्षक के भरोस कई कक्षाएं चल रही।
जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित शनिडेरा गांव में जब प्राथमिक शाला प्रारंभ शुरू किया गया उस समय बच्चों की संख्या बेहतर थी। धीरे-धीरे संख्या घटने लगी। पिछले शैक्षणिक सत्र में केवल 7 बच्चे थे। उस वक्त भी स्कूल को युक्तियुक्त करण के तहत मर्ज नहीं किया गया। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कक्षा पहली से पांचवी तक बच्चों की दाखिल संख्या 2 है। इनमें पहली कक्षा का में दाखिल बच्चे के अभिभावक पलायन कर गए हैं। दूसरी, तीसरी व चौथी में दाखिला निरंक है।
कक्षा पांचवी का एक छात्र विशाल कुमार पढ़ाई कर रहा। एकमात्र विद्यार्थी को पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक आते हैं। विद्यालय में अध्यापन कराने वाले शिक्षक ईश्वर चंद्रा व अशोक सिंह का कहना है कि गांव के सारे बच्चे इंग्लिश मिडियम स्कूल में पढ़ने जा रहे। पिछले चार साल से यहां आठ से दस बच्चे ही पढ़ने आ रहे थे। यहां प्राथमिक शाला भवन, बच्चों के लिए शौचालय और मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए किचन भी है। दो शिक्षक, एक सफाई कर्मचारी व एक रसोइया पदस्थ है। यहां नहीं है तो केवल छात्र।
आंख मूंद बैठे हैं अफसर
जिस समय युक्तियुक्तकरण के तहत कम दर्ज संख्या वाले स्कूल की सूची बनाई गई उस समय शनिडेरा का नाम शामिल नहीं किया गया था। विभागीय अधिकारियों की मानें तो नाम शामिल होने से यह स्थिति निर्मित नहीं होती। यहां पदस्थ शिक्षक व कर्मचारियों को दूसरे जगह समय रहते पदस्थ कर दिया जाता, तो शिक्षकविहीन स्कूलों को मदद मिलती। शिक्षा विभाग के अपᆬसर आंख मूंदे बैठे हैं और प्राथमिक शाला शनिडेरा के कर्मचारी मौज कर रहे।
पलायन से घट रही दर्ज संख्या
गांव में पलायन की स्थिति के कारण दाखिल संख्या में कमी आई है। बरपाली व आसपास के ग्रामीण हर साल खेती किसानी करने बाद खेतिहर भूमिहीन मजदूर पलायन कर जाते हैं। बच्चों को गांव में धनी वर्ग के लोगों के बच्चे कोरबा व बरपाली के अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। आने वाले शैक्षणिक सत्र में दाखिला शून्य भी हो सकती है।
युक्तियुक्तकरण के दौरान सूची में प्राथमिक शाला शनिडेरा का नाम शामिल नहीं हो सका था। पलायन के कारण विद्यालय मे छात्रों की दर्ज संख्या में कमी आई है। बच्चे को निकट के जूनाडीह स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा। यहां पदस्थ शिक्षकों को आवश्यकता वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। – डीके कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी