150 रुपए पेंशन मिलती थी दिव्यांग को, वो भी बंद कर दी

नरसिंहपुर। माता-पिता गरीब और उनका एक बेटा पूरी तरह निशक्त-दिव्यांग। कुछ समय पहले उसे 150 रुपए पेंशन मिलती थी, जिससे उसके खर्च का सहारा था, लेकिन डेढ़ साल से उसकी पेंशन अचानक बंद कर दी गई। माता-पिता मजदूरी करके जीवन-यापन करते हैं, डेढ़ सौ रुपए ही उसके लिए काफी थी।

पर अब वह भी मिलना बंद हो गई। इस दौरान उसने जनपद पंचायत में कई बार शिकायत की पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब इसकी गुहार लगाने 17 वर्षीय दिव्यांग आजाद पिता ईश्वरदास कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले से फरियाद करने जनसुनवाई में पहुंचा। गोटेगांव तहसील के टिकरी-बेलखेड़ी गांव निवासी आजाद का मामा राजा उसे मंगलवार को कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचे, जहां उसने जनसुनवाई में आवेदन दिया।

उसने आजाद ने कलेक्टर को बताया कि उसके मां-बाप मजदूरी करते हैं, राशन कार्ड नहीं है और तो और उस दिव्यांग के लिए घर में टायलेट तक नहीं है। उसने कलेक्टर से फरियाद की कि उसकी पेंशन दिला दी जाए और घर में टायलेट बनवा दें तो बहुत मेहरबानी होगी।

कलेक्टर ने मौके पर ही उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं पंचायत महेंद्र त्रिपाठी को बुलाया और कहा कि आप आजाद का मामला देखें। इनकी पेंशन क्यों बंद हुई। आप जल्द से जल्द पेंशन शुरु कराएं। साथ ही टायलेट की कार्रवाई कलेक्टर ने अधिकारियों को प्रकरण सौंपा। आजाद का एक छोटा भाई शरद है, वह भी मेहनत-मजदूरी करता है।

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