कोलकाता. भारत के साथ पूरे विश्व में लोग तेजी से दिल की बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिवर्ष विश्वभर में करीब 18 मिलियन लोगों की मौत कार्डियो वासकुलर (हृदय) जनित बीमारियों की चपेट में आने से होती है. यह बातें अपोलो ग्लेनिगल्स हॉस्पिटल के अध्यक्ष व पूर्वी भारत की सीइओ डॉ रुपाली बोस ने कहीं. वह वर्ल्ड हार्ट डे के मौके अस्पताल के ऑडिटोरियम में आयोजित एक सेमिनार में बोल रही थीं. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि यह दुनियाभर में तीसरी सबसे जानलेवा बीमारी मानी जाती है.
डॉ बोस ने उक्त रिपोर्ट का हलावा देते हुए बताया कि भारत में इस बीमारी के कारण हर साल करीब दो मिलियन लोगों की मौत होती है. उन्होंने कहा कि इस हृदय संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए कोलकाता के अपोलो ग्लेनिगल्स हॉस्पिटल में उपयुक्त व्यवस्था है. इस बीमारी के इलाज के लिए यहां अत्याधुनिक अपकरणों से लैश इलाज की व्यवस्था की गई है.
वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर अस्पताल में आयोजित उक्त सेमिनार में एटलेटिको डी कोलकाता टीम के देवजीत मंजूमदार, जुअान वेलेंसकोसो सह अन्य खिलाड़ी व अस्पताल के चिकित्सक गण उपस्थित थे.