महासमुंद। पिथौरा ब्लॉक के जगदीशपुर पंचायत के झारपारा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग रघुमणि हियाल की मौत भूख से मौत के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जांच दल ने शासन और सरकार को जिम्मेदार माना है। जांच दल के मुताबिक वृद्ध रघुमणि को पिछले आठ महीने से पेंशन नहीं मिली थी। केवल 14 किलो चावल मिल रहा था। खाली चावल कैसे खाता, सब्जी दाल के लिए कुछ चावल भी बेचता लेकिन पति-पत्नी का पेट नहीं भर पाता था। रघुमणि को चिंता सताने लगी थी कि कब तक ऐसा चलता रहेगा और उसने खाना ही छोड़ दिया था।
मंगलवार 27 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आठ सदस्यी जांच दल गठित किया। दल के संयोजक विधायक धनेंद्र साहू के साथ दल के सदस्य रविन्द्र चौबे, मो. अकबर पूर्व मंत्री, अग्नि चंद्राकर पूर्व विधायक, देवेन्द्र बहादुर पूर्व विधायक, अनिता रावटे अध्यक्ष प्रदेश महिला कांग्रेस, कुलदीप जुनेजा पूर्व विधायक, अमरजीत चावला जिला अध्यक्ष महासमुंद दोपहर 2 बजे जगदीशपुर पहुंचे।
कांग्रेस की टीम रघुमणि हियाल के घर जाकर उसकी पत्नी से मुलाकात की। वृद्धा ने बताया कि पेंशन की राशि 8 महीने से नहीं मिल रही थी, हालांकि 5 सितंबर को 14 किलो चावल मिला था, लेकिन केवल चावल से काम नहीं बनता, ईंधन सहित अन्य खर्च जुटाने के लिए उन्हें कुछ चावल बेंचना भी पड़ा। इन्हीं चिंता के कारण रघुमणि ने मौत से 4-5 दिन पहले खाना खाना छोड़ दिया था। और 24-25 सितंबर की दरम्यानी रात मौत हो गई। गांव के लोगों ने आर्थिक सहयोग कर 25 सितंबर को दफनाया।
लोगों का फूटा गुस्सा
कांग्रेस नेताओं ने यहां वृद्वावस्था पेंशन के करीब 450 हितग्राहियों से बातचीत की तो उनका गुस्सा जांचदल के समाने फूट पड़ा। वृद्धों ने बताया कि अक्सर छह से आठ महीने देरी से पेंशन मिलती है। सरपंच-सचिव उनसे दुर्व्यवहार करते हैं। इसी दुर्व्यवहार और अभाव से बुजुर्ग चिंतित था।
जांच दल ने लोगों से पूछा कि घटना के बाद प्रशासन से कोई आया, विधायक या जनप्रतिनिधि पहुंचे, जिस पर लोगों ने बताया कि किसी ने सुध नहीं ली। सरकार की अंत्येष्टी सहायता योजना का लाभ भी नहीं मिला और न ही अन्य किसी तरह से पीड़ित परिवार की शासन-प्रशासन से मदद मिली। विधायक रूपकुमारी चौधरी शासन में संसदीय सचिव हैं, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया और पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची।