रांची : राज्य भर में सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण के लिए रैयतों से ली गयी जमीन के बदले उनके बीच 266 करोड़ रुपये के मुआवजे का वितरण नहीं हो सका है. रैयतों के पैसे पथ निर्माण विभाग या फिर जिला के भू-अर्जन कार्यालय में पड़े है़ं सड़क का काम पथ निर्माण विभाग के 13 अलग-अलग प्रमंडलों की ओर से कराये गये थे. पथ निर्माण विभाग के अलग-अलग प्रमंडल से मिली सूचना के अनुसार कई सड़कें ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित की गयी थी. पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए मुआवजा की राशि भी निर्धारित कर दी है. लेकिन पैसा रैयतों तक नहीं पहुंचा है. सबसे अधिक राशि का भुगतान रांची पथ निर्माण प्रमंडल में किया जाना है.
राशि हुआ है राशि का हस्तांतरण : सड़क निर्माण या चौड़ीकरण में किसी की निजी जमीन जा रही हो, तो विभागीय स्तर पर सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा का भुगतान किया जाता है.
जमीन अधिग्रहित होने के साथ ही मुआवजा देने का प्रावधान है. पथ निर्माण विभाग सड़क निर्माण से संबंधित डीपीआर में ही इसका उल्लेख करता है. सड़क निर्माण की कुल लागत में मुआवजा भुगतान को भी शामिल किया जाता है. सरकारी दर से भू-अर्जन कार्यालय द्वारा भुगतान का प्रावधान है. सूचना के मुताबिक एक बड़ी राशि पथ निर्माण विभाग द्वारा भू-अर्जन को हस्तांतरित नहीं की गयी है.