अहमदाबाद। आंदोलन कर रहे दलितों को रिझाने के लिए गुजरात सरकार ने जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया है। उसने अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर अत्याचार से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए राज्य में 16 विशेष अदालतों के गठन की घोषणा की है।
विशेष कोर्ट का गठन गुजरात के 15 जिलों में किया जाएगा। इनमें से अहमदाबाद में इस तरह की दो अदालतें होंगी। राज्य के विधि विभाग की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना में विशेष अदालतों के गठन की घोषणा की गई है।
आदेश के अनुसार, विशेष अदालतें पहली अक्टूबर से काम करना शुरू कर देंगी। इनमें केवल अनुसूचित जाति एवं अनसूचित जनजाति (अत्याचार निषेध) कानून 1989 से जुड़े मामलों की ही सुनवाई होगी। अधिसूचना के मुताबिक, इन अदालतों के गठन के लिए गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मंजूरी हासिल कर ली गई है।
ध्यान रहे कि गिर सोमनाथ जिले के उना कस्बे में मृत गाय का खाल उतारने वाले चार युवकों की 11 जुलाई को पिटाई के बाद से राज्यभर के दलित आंदोलित हैं। विरोध स्वरूप इस समुदाय ने मृत गाय के चमड़े उतारना बंद कर दिया है।
इतना ही नहीं एक विशाल रैली कर राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रैली में दलित अत्याचार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन की मांग उठाई गई थी। गुजरात सरकार का यह ताजा कदम नाराज दलितों को अपने पाले में लाने के मकसद से उठाया गया है।