देश में 10 हजार डॉक्टर और बढ़ेंगे, केंद्र सरकार लाएगी बिल-कुलस्ते

दौर। देश में हर साल 10 हजार नए डॉक्टर बढ़ेंगे। अभी हर साल मेडिकल की पढ़ाई करके 50 हजार डॉक्टर बनकर निकलते हैं, इसमें 10 हजार का और इजाफा होगा। इस तरह हर साल मेडिकल एजुकेशन संस्थानों से 60 हजार एमबीबीएस डॉक्टर तैयार होकर निकलेंगे। डॉक्टरों की सीटें बढ़ाने के लिए सरकार बिल लाने जा रही है।

सोमवार को शहर आए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने यह बताया। वे भाजपा के अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा द्वारा आनंद मोहर माथुर सभागृह में आयोजित मंत्रियों के सम्मान समारोह में हिस्सा लेने आए थे, लेकिन कश्मीर में आतंकवादी घटना के कारण सम्मान समारोह को शहीदों की श्रध्दांजलि सभा में बदल दिया गया।

इस दौरान सभी अतिथियों और आदिवासी क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद सैनिकों को श्रध्दांजलि दी। समारोह में केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि आतंकी हमले को लेकर कुलस्ते ने कहा कि सरकार इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। इसे लेकर दिल्ली में सुरक्षा परिषद की बैठक चल रही है और हमारे रक्षा मंत्री सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए उरी पहुंचे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि देश के 58 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा। इसमें मध्यप्रदेश के रीवा, ग्वालियर और जबलपुर मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि जब अटलबिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब देश में 6 नए एम्स शुरू किए गए थे। इसके बाद के 10 साल में कांग्रेस रायबरेली में एकमात्र एम्स शुरू करने का फैसला ले पाई, वह भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। वहां भी हम 2017 में ओपीडी शुरू करने जा रहे हैं।

मंत्री के अनुसार अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने देश के विभिन्न् राज्यों में फिर सात-आठ नए एम्स खोलने का फैसला लिया है। सरकार की योजना है कि हर राज्य में एक एम्स हो। जनजाति मामलों के केंद्रीय मंत्री जसवंतसिंह भागोर ने कहा कि यह अटल सरकार की ही देन थी कि आजादी के 52 साल बाद आदिवासियों के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने भारतीय सैनिकों पर आतंकवादी हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सारे देश की एक ही आवाज है कि आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया है।

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