नई दिल्ली। आदेश के बावजूद सिद्धार्थ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल प्रशासन द्वारा दिव्यांग बच्चे को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में दाखिला न देने पर हाई कोर्ट ने सोमवार को नाराजगी जाहिर की है।
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ ने कहा कि स्कूल प्रशासन को अदालत के एक सदस्यीय पीठ के आदेश का पालन करना चाहिए था। अदालत ने संविधान के तहत फैसला दिया था। स्कूल प्रशासन ने इसका पालन क्यों नहीं किया? वह याचिका पर विचार कर अपना निर्णय देगी।
अदालत एक सदस्यीय पीठ के दाखिला देने के आदेश संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 26 अगस्त को एक सदस्यीय पीठ ने स्कूल को निर्देश दिया था कि बच्चे को पहली कक्षा में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में दाखिला प्रदान करे।
अदालत ने कहा था कि बच्चा कानूनी रूप से निजी स्कूल में इस श्रेणी में दाखिले का हकदार है। अदालत ने निजी स्कूल के उस तर्क को खारिज कर दिया कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी में कोटा नहीं है।