कवर्धा। शहर के गौशाला में न तो चारा है और न ही पानी जिस कारण से गायों का बुरा हाल है। शहर के लोहारा रोड़ पर स्थित यदुनाथ गौशाला में करीब 650 से अधिक गाय है, लेकिन इनके लिए न तो पर्याप्त मात्रा में चारा है और न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में यहां करीब आधा दर्जन गायों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन बावजूद इसके व्यवस्था में अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है।
पिछले सप्ताह भी यहां पर बड़ी संख्या में गायों को लाया गया। लोगों ने बताया कि ये गाय कत्लखाना ले जाई जा रही थी जिसके बाद विभिन्न संगठनों ने पकड़कर इन्हें गौशाला में भेज दिया। वहीं गौशाला में गायों की स्थिति काफी दयनीय है। भूख-प्यास से तड़प रही गाएं इतनी कमजोर हो चुकी है कि सभी की पसलियां तक नजर आ रही हैं। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी इस बात को खुद कबूल रहे हैं कि यहां मौजूद गायों की हालत खराब है।
चारा आया तो झपट पड़ी गायें
रविवार सुबह करीब 12 बजे गौशाला में करीब 650 से अधिक गाय मौजूद थी। वहीं 60 से अधिक गाय गौशाला के बाहर मौजूद थी। ये गाय पिछले दो दिनों से भूखी थी। यही कारण है कि जब ट्रैक्टर में चारा लाया गया तो सभी गाय झपट पड़ी। देखते ही देखते पूरा चारा खत्म हो गया। वहीं गौशाला में 6 से अधिक पानी टंकिया मौजूद है, लेकिन इसमें पीने का पानी नहीं है।
पशु विभाग की टीम तैनात
गोशाला में बड़ी संख्या में गाय रखे जाने के कारण प्रशासन की ओर से पशु पालन विभाग की टीम को तैनात किया गया है। वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर भी यहां नजर रखे हुए हैं। पशु चिकित्सा विभाग की मानें तो शनिवार को एक कमजोर बछड़े ने दम तोड़ दिया था। यहां मौजूद सभी गाय स्वस्थ्य हैं। कुछ गाय कुपोषित हैं।
क्षमता से अधिक मवेशी
रविवार को मवेशियों के बारे में जानकारी मिलते ही कलेक्टर धनंजय देवांगन मौके पर पहुंचे। उन्होंने पशु विभाग के अधिकारी को मवेशियों की देखरेख के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौशाला में क्षमता से अधिक मवेशी आ गए हैं, जिसके कारण दिक्कत हो रही है। पशुपालक व किसान मवेशियों को खुले में छोंड़ देते हैं जबकि उन्हें उनका पालन पोषण करने की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि पशुओं को खुले में न छोड़ें और उनकी देखभाल करें।
ग्रामीणों ने कहा गांव वालों ने दिया मवेशी, गौ सेवकों ने पकड़ लिया
कवर्धा शहर में पिछले दिनों बड़ी संख्या में गौ सेवकों ने गाय पकड़ा है, लेकिन बड़ा सवाल है कि अचानक ही क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में गाय कैसे पकड़ में आने लगे। इस बीच पिछले दिनों कोतवाली में चिल्फी और सोनवाही के कुछ ग्रामीणों को पकड़कर लाया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले सोनवाही और चिल्फी के ग्रामीण मिरमिट्टी और छिरहा से गाय लेकर अपने गांव जा रहे थे, जिन्हें राजनांदगांव बाइपास के पास गौ सेवकों ने पकड़ लिया। ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास बकायदा गांव के सरपंचऔर ग्रामीणों का पत्र था, जिसमें लिखा था कि हम गाय नहीं पाल सकते इसलिए इसे ग्रामीणों को सौंप रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें पकड़कर कोतवाली ले जाया गया। चिल्फी निवासी बीरसेन और पुरषोत्तम ने बताया कि छिरहा गांव के ग्रामीणों ने उन्हें यह गाय यह कहकर दिया कि गांव में चारा की कमी है। इसलिए मवेशियों को ले जाओ। उन्होंने बकायदा लिखित में दिया था, लेकिन गौ सेवकों ने वो पत्र फाड़ दिया।