क्या गैर सरकारी संगठनों के लिए देश में कोई कानून है’

नई दिल्ली। देश में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए गैर सरकारी संगठनों को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर मामला बताया है। देशभर में फैले लगभग 30 लाख एनजीओ को बड़ी समस्या बताते हुए अदालत ने कहा है कि इन आंकड़ों से संदेह पैदा होता है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि लाखों गैर सरकारी संगठन दुनियाभर से पैसा ले रहे हैं।

अदालत ने पूछा कि क्या इन संगठनों के प्रभावी नियमन और लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए विधि आयोग ने किसी कानून की सिफारिश की है? अदालत ने कहा कि अतीत में इन संगठनों ने क्या किया, इसका पता लगाना असंभव है, लेकिन आगे से इन संगठनों को पारदर्शी बनाना ही होगा।

देश में 29,99,623 गैर सरकारी संगठन हैं। विवाद की प्रकृति और समस्या की गहराई को देखते हुए खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से न्याय मित्र के रूप में अदालत की मदद करने का अनुरोध किया। जस्टिस एएम खानविलकर खंडपीठ के दूसरे न्यायाधीश हैं।

इस बीच, सीबीआई के वकील ने गुरुवार को कई दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में जमा किए। जांच एजेंसी ने बताया कि सबसे अधिक पांच लाख से भी ज्यादा एनजीओ महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड हैं। बिहार में ऐसे संगठनों की संख्या 61 हजार और असम में 97 हजार है। सुप्रीम कोर्ट के वकील एमएल शर्मा ने अदालत में याचिका दायर कर यह मामला उठाया है। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *