नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि सरकार सिक्योरिटी गार्डों को कुशल श्रमिकों की श्रेणी में लाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही गार्डों को न्यूनतम 15,000 रुपए मासिक वेतन देना होगा।
इसके अलावा सशस्त्र गार्डों और सुपरवाइजरों को अति कुशल श्रमिक माना जायेगा, इससे वे कम से कम 25,000 रुपए मासिक वेतन पाने के हकदार होंगे।
सरकार अपने कुछ फ्लैगशिप प्रोग्र्राम जैसे स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया में इस तरह का प्रावधान करने जा रही है। इससे देश में 50 लाख से ज्यादा सिक्योरिटी गार्डों को मदद मिलेगी।
उद्योग संगठन फिक्की द्वारा प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री पर कांक्लेव में उन्होंने कहा कि मंत्रालय जल्दी ही सिक्योरिटी गार्डों को कुशल और सशस्त्र सिक्योरिटी गार्डों व सिक्योरिटी सुपरवाइजरों को अति कुशल श्रमिकों की श्रेणी में लायेगा।
इससे न सिर्फ 50 लाख से ज्यादा सिक्टोरिटी गार्डों के वेतन में वृद्धि होगी, बल्कि उन्हें और उनके परिवारों को जोड़कर करीब 2.5 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। सिक्योरिटी गार्ड प्राइवेट कंपनियों और संस्थानों के अलावा दूसरी जगहों पर काम करते हैं।
श्रम मंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां योग्य कर्मचारियों की भर्ती करेंगी और उन्हें ट्रेनिंग देकर रोजगार देंगी। सभी पक्षों जैसे सिक्योरिटी एजेंसी, कंपनियां और जनता द्वारा इस तरह की मांग की जा रही है।
दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम कानून का पालन आसान बनाने के लिए मंत्रालय 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर चार लेबर कोड बनायेगी। जल्दी ही लेबर कोड मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किये जाएंगे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके संबंध में एक विधेयक संसद के अगले सत्र में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। ये चार लेबर कोड वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा व कार्यदशाओं और स्वास्थ्य व सुरक्षा से संबंधित होंगे।