दुर्ग। दुर्ग शहर के सरकारी स्कूलों में परोसे जा रहा मध्यान्ह भोजन की क्वालिटी इतनी घटिया है कि आधे बच्चे नहीं खाते। जिला शिक्षा अधिकारी के पास स्कूलों से इसकी शिकायत आई है। शिकायत के बाद स्कूलों से इसका सत्यापन करवाया जा रहा है।
दुर्ग शहर के 56 प्राइमरी और मिडील स्कूल में सखी सहेली महिला स्वसहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन वितरण किया जा रहा है। यहां के करीब 5400 बच्चों को मध्यांह भोजन खिलाया जाता है। चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इसमें से आधे बच्चे मध्यान्ह भोजन नहीं खा रहे। इसकी वजह भोजन की क्वालिटी घटिया होने की बात सामने आई है।
बच्चों ने की है शिकायत
सूत्र बतातें हैं कि जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने विगत दिनों प्राथमिक शाला लालबहादुर शास्त्री स्कूल, प्राथमिक शाला झुग्गीपारा, पूर्व माध्यमिक शाला झुग्गीपारा, प्राथमिक शाला नयापारा, पूर्व माध्यमिक शाला पंचशील नगर, प्राथमिक शाला बघेरा सहित अन्य स्कूलों का दौरा किया। इन स्कूलों में बच्चों ने जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे के समक्ष शिकायत की है। इसमें लिखा है कि वे इसलिए मध्यान्ह भोजन नहीं खाते क्योंकि उसकी क्वालिटी घटिया है।
आधे बच्चे जाते हैं घर
बच्चों की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने दुर्ग शहर के स्कूल प्रबंधकों से मध्यान्ह भोजन खाने वाले बच्चों का सत्यापन करवाया जा रहा है। सत्यापन के दौरान यह बात सामने आ रही है कि सर्वाधिक बच्चे भोजनावकाश में अपने घर खाना खाना जा रहे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए शहर के पूरे स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का सत्यापन करवाया जा रहा है। खाने में इल्ली मिलने की भी शिकायतें हैं।
9 साल से एकाधिकार
सखी सहेली महिला स्वसहायता समूह सरकारी स्कूलों के बच्चों को 9 साल से मध्यान्ह भोजन खिला रही है। सूत्र बतातें हैं कि समूह दरअसल राजनीतिक पार्टी से जु़ डी हुई है। इसलिए शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते। नेताओं के एप्रोच के बाद अधिकारी जांच ही बंद कर देते हैं। शासन की निर्धारित राशि भिलाई के अक्षय पात्र को भी मिलती है जितना सखी सहेली को दिया जाता है, लेकिन उनके भोजन की क्वालिटी बेहतर है।
समिति प्रबंधक को तलब किया
आधे बच्चे मध्यांह भोजन नहीं खा रहे है। इसकी शिकायत का सत्यापन करवाया जा रहा है। सखी सहेली समूह के मैनेजर को तलब कर क्वालिटी सुधारने की हिदायत दी है।
आशुतोष चावरे, जिला शिक्षा अधिकारी
क्वालिटी सुधारेंगे
‘भोजन की क्वालिटी सुधारने के लिए हम काम करेंगे। डीईओ की हिदायत के बाद इसके निर्देश भोजन बनाने वालों को दे दिया है।’
-नेतराम देशमुख, मैनेजर सखी सहेली समूह