डेंगू और चिकनगुनिया रोकथाम की मांग पर हाई कोर्ट में सुनवाई

राजधानी में तेजी से बढ़ते जानलेवा बीमारी डेंगू व चिकनगुनिया के रोकथाम की मांग पर हाइकोर्ट में आज सुनवाई होगी। हाइकोर्ट ने पिछले सप्ताह ही केजरीवाल सरकार और सभी नगर निगमों को इन बीमारियों के रोकथाम के लिए समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया था। हाइकोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया था।

याचिका में तेजी से बढ़ते डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार और नगर निगम को आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में केजरीवाल सरकार और नगर निगम पर डेंगू पर नियंत्रण के लिए समुचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया गया है।

चीफ जस्टिस जी रोहिणी औए जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सरकार और नगर निगमों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पीठ ने सभी पक्षों को यह बताने के लिये कहा था कि डेंगू के रोकथाम के लिए समय रहते कदम क्यों नहीं उठाया गया। इसी मामले की सुनवाई आज फिर से होगी। पीठ के समक्ष दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार और नगर निगम द्वारा जिम्मेदारी से काम नहीं करने की वजह से मच्छरजनित बीमारी डेंगू जानलेवा साबित हो रही है।

इस याचिका में दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगम और अन्य निकायों को डेंगू पर नियंत्रण करने के लिए समुचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

जांच की मांग

याचिका में इस बारे में जांच करने की भी मांग की गई है कि क्या सरकार और निकाय समय रहते डेंगू की बीमारी पर नियंत्रण कर सकते थे और क्या वे डेंगू के मच्छरों के प्रजनन को रोक सकते थे। यदि हां तो सरकार और निगम के अधिकारियों ने ऐसा क्यों नहीं किया। याचिका में दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की माँगा की गयी है।

सरकार ने निगम को धन दिया है या नहीं

याचिका में यह भी पूछा गया है कि इस बीमारी पाए नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए दिल्ली सरकार ने नगर निगमों को पर्याप्त धन दिया था या नहीं। इसमें यह सवाल भी उठाया गया है कि अनाधिकृत इलाकों में दवाईयों और धुएं का छिड़काव क्यों नहीं किया गया।

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