राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बुधवार को यूपी और हरियाणा की सरकार से बुधवार को कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सीएनजी पंप स्टेशन लगाने की संभावना पर विचार करें। यह सुझाव एनजीटी ने दिल्ली से सटे इलाकों में दस साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों के चलाने की मंजूरी देने से इनकार करते हुए दिया।
जस्टिस स्वंततर कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सवाल किया कि यूपी और हरियाणा एनसीआर के सभी क्षेत्रों में, करनाल और मेरठ जैसे स्थानों पर सीएजी स्टेशन क्यों नहीं लगाते। पीठ ने कहा, लोग सीएनजी वाहन चलाने को तैयार हैं, लेकिन आप आवश्यक प्रबंध क्यों नहीं करते हैं। पीठ ने कहा कि दोनों राज्यों के वकील निर्देश हासिल करेंगे कि जब आवेदक सीएनजी में गाड़ी तब्दील कराने को तैयार है तो क्या इन इलाकों में सीएनजी लगाया जा सकता है। एनजीटी ने दोनों राज्यों से कहा कि वे इस प्रस्ताव पर विचार करें।
एनजीटी ने यह सुझाव तब दिया जब उसे सूचित किया गया कि करनाल और मेरठ में सीएनजी स्टेशन नहीं है और रोजाना बड़ी तादाद में वाहन इन क्षेत्रों से दिल्ली में प्रवेश करते हैं। पीठ ने कहा कि हम इन इलाकों में डीजल बसों को क्यों चलने दें, आप सीएनजी बसें क्यों नहीं चलाते। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख एक अक्टूबर तक दोनों राज्य इस संबंध में अपना रुख पीठ के समक्ष स्पष्ट करें। अधिकरण ने मेरठ के परिवहन संगठन और करनाल इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें मांग की गई है कि जब तक पर्याप्त संख्या में सीएनजी स्टेशन की व्यवस्था नहीं होती तब तक दस वर्ष से पुराने डीजल वाहनों को चलने की अनुमति दी जाए।