दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने के दिल्ली सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है। आम आदमी पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है। आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में 13 मार्च 2015 को अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। इससे संबंधित संशोधित बिल को विधानसभा में जून महीने में पास किया गया था। बता दें, विधानसभा में आम आदमी पार्टी बहुमत में है। इस साल जून महीने में ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली विधानसभा सदस्य एक्ट 1997 में किए गए संशोधन को रद्द कर दिया था।
बता दें, आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 21 संसदीय सचिवों की नियुक्त का विरोध करते हुए केंद्र ने 13 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा था कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार सिर्फ एक संसदीय सचिव दिल्ली के मुख्यमंत्री से संबद्ध हो सकता था। गृह मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल की पीठ के समक्ष कहा था कि मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव का पद छोड़कर, संसदीय सचिवों के पद का जिक्र न तो भारत के संविधान में है और न ही इसकी चर्चा 1997 के दिल्ली विधानसभा सदस्य (अयोग्यता) संबंधित कानून में है। अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा सदस्य (अयोग्यता) संबंधित कानून में संशोधन कर नियुक्ति को वैध बनाने की कोशिश की थी।