अगले साल देश में साक्षर लोगों की संख्या 80 फीसदी तक पहुंच सकती है। हालांकि, इसका सारा दारोमदार दो करोड़ लोगों के परीक्षा पास करने पर टिका है। ये नव साक्षर हैं, जिन्हें साक्षर बनाने के बाद परीक्षा पास करनी होती है। उसके बाद ही उन्हें साक्षर माना जाता है। अभी साक्षरता दर करीब 73 फीसदी है।
केंद्र सरकार ने मार्च 2017 तक देश में साक्षरता दर 80 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा था। दूसरा लक्ष्य यह था कि स्त्री-पुरुष की साक्षरता के बीच की खाई दस फीसदी से ज्यादा नहीं हो। इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद सरकार को है।
विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर साक्षरता विभाग ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए करीब सात करोड़ लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें पांच करोड़ लोगों को साक्षर बनाया जा चुका है तथा वे परीक्षा भी पास कर चुके हैं। हाल ही में अगस्त में हुई परीक्षा में करीब एक करोड़ नव साक्षर बैठे थे, जिसका परिणाम अभी आना है। यह परीक्षा साल में दो बार होती है, जिसका आयोजन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय द्वारा किया जाता है।
मार्च में होने वाली परीक्षा में कम से कम एक करोड़ लोगों को बिठाया जाएगा। यदि दो करोड़ लोग परीक्षा पास कर लेते हैं, तो देश की साक्षरता दर 80 फीसदी तक पहुंच जाएगी। साक्षरता कार्यक्रम में 15 साल से ज्यादा आयु के लोगों को शामिल किया जाता है।
विश्व साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को विज्ञान भवन में बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इसे संबोधित करेंगे और इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले जिलों, संस्थाओं और लोगों को सम्मानित करेंगे।