भोपाल /पटनम, ब्यूरो। भटपल्ली के दो नाबालिगों समेत पंद्रह लोगों को सीमांध्र ले जाकर जबरिया काम कराए जाने के मामले में जिला प्रशासन ने फौरन हरकत में आते उन्हें मुक्त कराने एक टीम सीमांध्र भेज दी है। इधर स्थानीय कोतवाली ने दो महिलाओं सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द की जाएगी।
‘नईदुनिया" में इस खबर के प्रकाशन के बाद कलेक्टर डॉ अय्याज फकीर भाई तंबोली ने मामले को गंभीरता से लिया और मालूमात के बाद एक टीम का गठन किया। इसमें श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के अफसरों को शामिल किया गया।
बताया गया है कि संतोष चिड़ेम और उनकी पत्नी निर्मला चिड़ेम के अलावा दो नाबालिग बालिकाएं अपने गांव भटपल्ली लौट आई। 17 अगस्त को तेलंगाना के खम्मम जिले के सण्डावल्ली, वेंकटापुरम निवासी सुरेश एवं पदमा आए थे। भटपल्ली के ही एक श्रीनिवास आलम एवं उनकी पत्नी के साथ खम्मम के इन दोनों बिचौलियों ने गांव के दो नाबालिगों समेत 15 लोगों को अपने साथ तारलागुड़ा के बॉर्डर पर बसे गांव में सेंटरिंग के काम के लिए ले गए।
बिचौलियों ने इन श्रमिकों को प्रलोभन दिया और वे वारंगल जिले के बजाए उन्हें सीमांध्र के गुण्टूर जिले के बापतला गांव ले गए। उनसे वहां जबरिया सेंटरिंग का काम कराया जाने का आरोप है। इस खबर के बाद एक पीत की मां सुशीला पोरतेटी पति सुकैया पोरतेटी ने एफआईआर दर्ज कराई।