देवेंद्र अग्रवाल। निवास (मंडला) ब्यूरो। आदिवासी समाज में शिक्षा का उजाला आर्थिक स्थिति को तो मजबूत बना रहा है लेकिन अंधविश्वास और रूढ़िवादी मान्यताएं अब भी जड़ से समाप्त नहीं की जा सकी हैं। इसका उदाहरण मंडला जिले की निवासी तहसील का अमदरी गांव है। जहां एक आदिवासी परिवार की पढ़ी-लिखी बेटी ने जब गांव से बाहर निकल कर अपना भविष्य संवारने की कोशिश की तो समाज ने पूरे परिवार को बहिष्कृत कर दिया।
हद तो यह है कि जिस परिवार को समाज से अलग किया गया है उसका मुखिया तितरा सिंह मार्को गांव का उप सरपंच है। इस परिवार से गांव के लोग बातचीत तक नहीं करते। यहां तक कि किसी को उनके घर आने-जाने की इजाजत तक नहीं है। उनके घर जाने वालों को भी समाज से बाहर करने की धमकी दी गई है। अब पूरा परिवार समाज की मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है।
नहीं तोड़ पाए हौसला
तितरा सिंह की तीन बेटीयां है। जिसमें बड़ी बेटी प्रीती का विवाह पास से ददरगांव में हुआ है। मझली बेटी सिलोचना ने 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद अपने पैरों पर खड़े होने की सोची। पहले निवास में काम और अब बाहर एक कंपनी में काम कर रही है। गांव के बुजुर्गों को यह बात रास नहीं आई और विरोध जताते हुए तितरा सिंह, उसकी पत्नी शारदा बाई, बेटी सिलोचना और छोटी बेटी राजकुमारी को समाज से बंद कर दिया। बावजूद इसके सिलोचना का हौसला नहीं टूटा। इस सबकी परवाह किए बिना वह अब भी उसी कंपनी में काम कर रही है।
नहीं करने दी पूजा
सुहाग की कामना के लिए महिलाओं द्वारा रखा जाने वाले हरतालिका व्रत की पूजा से भी इस परिवार की महिलाओं को रोक दिया गया। जिसके कारण तितरा सिंह की पत्नी शारदा ने अपने मायके में जाकर पूजा की। गांव की चरनोई में इस परिवार के मवेीशयों को भी नहीं मिलाने दिया जा रहा था। जिसके कारण उन्होंने अपने मवेशियों को भी बाहर भेज दिया है। यह सिलसिला जून माह से शुरू हो गया था जो अब तक जारी है। इस मामले में प्रशासन ने भी अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है।
इनका कहना है….
हमारे लड़के बहू और नातिन को समाज से बंद कर दिया गया है। हम गांव के साथ हैं।
-धरम सिंह, तितरा सिंह का पिता।
समाज से बंद किए हुए तीन माह हो रहे हैं। हम लोगों की बात कोई नहीं सुनता।
-सुकरती बाई, तितरा सिंह की मां
हम लोग गांव के साथ हैं जबकि भाई अलग रहता है। उसे समाज से बंद किया गया है।
-लखन सिंह मार्को, तितरा सिंह का भाई।
मुझे भी जानकारी है कि तितरा को परिवार सहित समाज से बाहर कर दिया गया है। मैं गांव वालों से मिलकर उसे समाज में मिलवाने का प्रयास करूंगा।
-तेजीलाल वरकड़े, सदस्य जनपद पंचायत, निवास।