बिलासपुर। सांसद आदर्श ग्राम हथनीकला में मोदी मॉडल की धूम मची हुई है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में सामने आया जब जिले के उसलापुर की बेटी बिसमिलन बाई पाटले ने मायके में शौचालय न होने के कारण तीजा में न जाने का फैसला अपने पिता को सुना दिया। दरअसल आदर्श ग्राम की महिलाओं व ग्रामीणों ने खुले में शौच न जाने का संकल्प लिया है।
सांसद आदर्श ग्राम विकास में मामले में देश के चौथे पायदान पर अपनी जगह बनाने वाले आदर्श ग्राम हथनीकला की ग्रामीण व महिलाएं इस कीर्तिमान को कायम रखने एक साझा प्रयास करते दिखाई दे रही हैं। इसी क्रम में बिसमिलन बाई पाटले ने अनूठी मिसाल पेश की है।
बीते दिनों बिसमिलन बाई को तीजा में घर ले जाने पिता शिवदयाल हथनीकला गए थे। पिता को देखकर बिसमिलन ने खुशी-खुशी उनका आवभगत किया। आवभगत के बाद जब उसलापुर मायके जाने पिता ने बिसमिलन को तैयार होने कहा तब बिसमिलन अपने पिता से पूछी कि घर में शौचालय बन गया है या नहीं।
पिता ने बताया कि अभी तो मटेरियल ही गिर पाया है। मिस्त्री न आने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है। पिता का जवाब सुनते ही बिसमिलन बाई मायूस हो गई । पहले तो वे चुप रही । कुछ देर बाद मन को कड़ा करते हुए पिता को मायके न जाने का अपना फैसला सुना दिया। जिस वक्त बिसमिलन मायके न जाने का अपना फैसला पिता को सुना रही थी पास ही उनके पति व बच्चे भी खड़े हुए थे।
परिवार के सदस्य उनका फैसला सुनकर सन्न् रह गए । घर के सदस्यों ने जब उनसे कारण पूछा तो उन्होंने दोटूक जवाब दिया कि मायके में शौचालय नहीं है इसलिए वह उसलापुर न जाने का फैसला किया है। उनका यह फैसला तब तक अडिग रहेगा जब तक पिता घर में शौचालय का निर्माण नहीं करा लेते।
उनका जवाब सुनकर परिवार के सदस्यों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार के सदस्य उनके मायके न जाने के फैसले के पीछे मायके वालों से अचानक अनबन की बात सोचने लगे थे। बिसमिलन बाई पाटले के मायके न जानेे के कारणों की जानकारी जब पड़ोसी व गांव वालों को मिली ग्रामीण सीधे उनके घर चले आए। गांव में एक अलग ही माहौल दिखाई देने लगा।
महिलाओं ने लिया है संकल्प
आदर्श ग्राम हथनीकला के सरपंच संतू सिंह राजपूत ने बताया कि मोदी मॉडल की शत-प्रतिशत सफलता के लिए ग्रामीणों के साथ ही महिलाओं ने खुले में शौच न जाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को पूरा करने बिसमिलन बाई ने अपना मायके उसलापुर न जाने का फैसला किया है।
पंचायत ने किया सम्मान
तीजा में मायके न जाने के फैसले को लेकर तीजा के दिन रविवार 4 सितंबर को ग्राम पंचायत के सरपंच,पंच व ग्रामीणों ने बिसमिलन बाई का पंचायत भवन में सम्मान किया । सम्मान के साथ ही स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए इस तरह के फैसले को मील का पत्थर बताया है।
पंचायत ने किया है पांच हजार इनाम का ऐलान
खुले में शौच जाने वालों की पहचान करने वालों को ग्राम पंचायत ने पांच हजार स्र्पए ईनाम में देने का ऐलानकिया है। मोदी मॉडल की सफलता को लेकर गांव की गुड़ी में प्रतिदिन ग्रामीणों की पंचायत लगती है। इसमें सामुहिक रूप से सफलता को लेकर लोगों के बीच रायशुमारी की जा रही है।
आदर्श ग्राम घोषित हो गया है ओडीएफ
सांसद आदर्श ग्राम को मुंगेली जिला प्रशासन ने पहले ही ओडीएफ घोषित कर दिया है। यहां 236 ग्रामीणों के घरों में टायलेट बन गया है। खुले में शौच से यह ग्राम पहले ही मुक्त हो चुका है।
बिसमिलन बाई के फैसले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की सफलता को गांव-गांव में तय कर दिया है।
लखनलाल साहू-सांसद,बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र
बिसमिलन बाई ने मायके में टायलेट न होने के कारण ससुराल हथनीकला में ही तीजा मनाने का फैसला किया है। रविवार को तीजा के दिन ग्राम पंचायत में उनका सम्मान किया गया है। उनके इस फैसले से स्वच्छता अभियान को गांव में अच्छा माहौल बन गया है।
संतू सिंह राजपूत-सरपंच,आदर्श ग्राम पंचायत हथनीकला