सरकार की उज्जवला योजना के तहत जिले में एक लाख 22 हजार बीपीएल परिवार को रसोई गैस कनेक्शन प्रदाय किया जाना है। पहले चरण में 18 हजार नौ लोगों को कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके लिए जनपद पंचायतों तथा गैस एजेंसियों के जरिए आवेदन पत्र जमा किए गए हैं। योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही को वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार बने सर्वे सूची डाटा में नाम दर्ज होना चाहिए।
वहीं बीपीएल श्रेणी सूचकांक सात के अंतर्गत होना चाहिए। साथ ही आवेदक महिला मुुखिया के परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पूर्व में एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए। वर्ष 2011 के सर्वे सूची में करोड़पतियों का नाम भी बीपएल श्रेणी में दर्ज किया गया है। इसका खुलासा खाद्य विभाग द्वारा शहर के राजीव गांधी वार्ड पार्षद को सौंपी सूची में हुआ है। इस वार्ड के करीब साठ फीसदी हितग्राही अपात्र हैं।
इनमें से अधिकतर तो कार, बंगलों के मालिक भी हैं। अधिकारी नियम का हवाला देते सर्वे सूची के आधार पर लिस्टिंग करना बता रहे हैं जबकि गैस एजेंसियों को ऑन लाइन छंटनी करने की जवाबदेही दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ एजेंसी संचालकों के द्वारा रकम लेकर भी फार्म जमा करवाने की बात सामने आ रही है।
इस सूची से योजना के पारदर्शिता पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। गौरतलब है कि योजना के नोडल एजेंसी खाद्य विभाग द्वारा स्कू्रटनी करने की बजाय रसोई गैस डीलर्स को जिम्मा दिया गया है। ऐसे में सही हितग्राहियों को योजना का लाभ मिलने में सशंय उत्पन्न हो रहा है।
शहर के अन्य वार्डो में जारी किए गए सूची में भी अधिकतर अपात्र लोगों के नाम शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सर्वे सूची में ही गंभीर त्रुटियां है। ऐसे में शासन की महत्वपूर्ण जनहितकारी योजना के समग्र क्रियान्वयन की गुंजाइश कम ही नजर आती है।
खाद्य विभाग द्वारा प्राप्त उज्जवला योजना के हितग्राहियों की सूची में साठ फीसदी लोग बीपीएल श्रेणी के लिए अपात्र हैं।
– कौशिक शुक्ला, पार्षद राजीव गांधी वार्ड
वर्ष 2011 की गणना सर्वे की डाटा के अनुसार सूची भेजी गई है। किसी परिवार के सदस्यों के नाम पहले से गैस कनेक्शन होने की स्थिति में गैस एजेंसियों द्वारा ऑनलाइन छंटनी की जा रही है।
– टीआर ठाकुर, जिला खाद्य नियंत्रक बस्तर