श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) के द्वारा करवाए गए वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल की वजह से यमुना और उसके आसपास की जमीन को काफी नुकसान पहुंचा है। यह बात नेशनल ग्रीन टर्ब्यूनल (NGT) द्वारा बनाई गई एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च में हुए World Culture Festival की वजह से यमुना के आसपास की मिट्टी (फ्लडप्लैन) को काफी नुकसान पहुंचा है और जैव विविधता वहां से हमेशा के लिए गायब हो गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सबसे ज्यादा नुकसान उस जगह को पहुंचा है जहां पर रविशंकर ने अपना विशालकाय स्टेज लगवाया था। यह रिपोर्ट कमेटी की तरफ से एनजीटी को 28 जुलाई को सौंपी गई। इसके प्रमुख शशि शेखर थे। वे जल मंत्रालय में सचिव हैं। रिपोर्ट में लिखा है, ‘डीएनडी फ्लाईओवर से लेकर बारापुला के बीच जितने भी इलाके का इस्तेमाल किया गया वह नष्ट हो चुका है। बाढ़ से बचाव की मिट्टी अब यमुना के पानी के समतल को चुकी है।’
जांच में भी दखल दे रही थी आर्ट ऑफ लिंविंग: कमेटी ने यह भी कहा है कि आर्ट ऑफ लिविंग के वालंटियर उन्हें साइट पर अकेला नहीं छोड़ते थे और जबरदस्ती की खातिरदारी करते थे। लेकिन एक बार कमेटी के सदस्य बिना उन्हें जानकारी दिए जांच के लिए चले गए। तब से सारी बातें सामने आईं। वहीं जब आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) से इस बारे में जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने एनजीटी (NGT) से कमेटी में बदलाव के लिए बोला हुआ है जिसका जवाब अभी नहीं आया है।
इससे पहले 10 अगस्त को एनजीटी ने कहा था कि वह कमेटी को जांच के लिए पूरी छूट देते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को होनी है।