पांच साल में डेढ़ गुनी बढ़ी घरेलू हिंसा

पटना : एक तरफ सरकार घरेलू हिंसा को समाप्त करने के लिए योजनाएं बना रही हैं. वहीं, दूसरी ओर महिला हेल्पलाइन में सबसे अधिक मामले घरेलू हिंसा के दर्ज किये जा रहे हैं. महिला हेल्पलाइन के आंकड़ों के मुताबिक प्रतिवर्ष घरेलू हिंसा के मामले में वृद्धि हो रही हैं. महिला हेल्पलाइन में बीते वर्ष 326 मामले घरेलू हिंसा के दर्ज किये गये हैं. वहीं, इस वर्ष अब तक 205 मामले सामने आ चुके हैं.
घरेलू हिंसा से निबटने के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से महिला विकास निगम को घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत बीते वर्ष नोडल एजेंसी बनाया गया है, ताकि बिहार में हो रही घरेलू हिंसा को समाप्त करने के दिशा में प्रस्ताव तैयार कर उस पर काम कर सकें. बावजूद इसके घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं. साथ ही इसे समाप्त करने के दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. महिला हेल्पलाइन में प्रति माह 20-30 मामले घरेलू हिंसा के दर्ज किये जाते हैं. इसमें ज्यादातर महिलाएं शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हिंसा की शिकार हो रही हैं.
महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी ने बताया कि महिला हिंसा के रूप में घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि हो रही है. कामकाजी महिलाएं भी इसका शिकार हो रही हैं. कामकाजी महिलाओं द्वारा घर में समय नहीं दे पाने पर उन्हें परिवार वालों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसे मामले हेल्पलाइन काफी आ रहे हैं.

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