नई दिल्ली। सऊदी अरब में फंसे 10 हजार भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने अपनी कोशिशों को तेज कर दिया है। मगर, इस बीच सरकार के सामने एक और बड़ी गंभीर समस्या खड़ी है।
तेल की गिरती कीमतों के कारण खाड़ी देशों में रह रहे प्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में बेरोजगार हो रहे हैं। खाड़ी देशों से भारत में धन भेजने के मामले में साल 2015-16 में 2.2 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। यह पिछले छह सालों में सबसे बड़ी कमी है।
विश्व बैंक के डाटा के अनुसार, साल 2015 में खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीयों ने देश में करीब 69 अरब डॉलर भेजे थे। इससे एक साल पहले उन्होंने 70 अरब डॉलर भेजे थे, जबकि साल 2015-16 में उन्होंने महज 35.9 अरब डॉलर ही भारत भेजे।
भारत दुनिया में सबसे बड़ा देश है, जहां विदेशों में काम करने वाले भारतीयों के जरिये बड़ी मात्रा में धन भेजा जाता है। विदेशों से जो कुल धन मिलता है, उसमें से आधा हिस्सा अकेले खाड़ी देशों से आता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तेलों के दाम और गिरते हैं, तो खाड़ी देशों से भारत भेजे जाने वाले धन में अभी और कमी आने की आशंका है। ऐसे में यह मामला नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकता है।