बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल

देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब 18,059 रुपये के साथ अव्वल है।

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय ने देश के ग्रामीण क्षेत्र में 2013 के दौरान सर्वेक्षण किया था। इन आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद ये नतीजे निकाले गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के किसानों की स्थिति सबसे बेहतर है और उनकी मासिक आय, राष्ट्रीय औसत से करीब तीन गुना है। इसी प्रकार हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, केरल मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड ऐसे राज्य हैं जहां के किसानों की मासिक आय दस हजार रुपये से अधिक है।

वहीं फिसड्डी राज्यों की सूची में बिहार के बाद पश्चिम बंगाल का स्थान आता है। देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की स्थिति भी ठीक नहीं है। यहां के किसानों की मासिक आय राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। गौरतलब है कि ये नतीजे ऐसे समय आए हैं, जब केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया है। इसके तहत सबसे छोटे पद पर नियुक्त होने वाले केंद्रीय कर्मी का मूल वेतन 18 हजार रुपये होगा।

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