रायपुर। राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र किसी विषय को सुनने, पढ़ने और लिखने में राष्ट्रीय औसत (एनए) से 13 अंक नीचे हैं। यह रिपोर्ट नेशनल अचीवमेंट सर्वे की है। इसके अनुसार राज्य के 53 फीसदी छात्र कक्षा में पढ़ाई के दौरान ध्यान से शिक्षक की बातों को सुनते हैं, जो कि एनए से 12 फीसदी कम है। वहीं पुस्तक में लिखे शब्दों को 80 फीसदी छात्र समझ पा रहे हैं। फिर भी एनए से 6 फीसदी कम है।
इसी तरह मात्र 45 फीसदी छात्र ही पुस्तक में लिखे वाक्यों को धड़ल्ले से पढ़ पा रहे हैं। जो कि एनए से 14 अंक कम है। इस तरह कक्षा तीसरी के छात्र को सुनने, पढ़ने और लिखकर समझने के मामले में 51 नंबर प्राप्त हुआ है, जो कि एनए से 13 अंक कम है। सर्वे रिपोर्ट से मालूम पड़ता है कि छात्रों में स्किल की कमी है।
इसके पीछे दो मुख्य कारण शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका और स्कूल में संसाधनों की कमी। गौरतलब है कि सर्वे में राज्य के नौ जिलों में स्थित 240 सरकारी स्कूल के कक्षा तीसरी में पढ़ने वाले 3721छात्रों को लिया गया है। सर्वे में सभी वर्ग के छात्रों के परफारमेंस, शहरी-ग्रामीण और लिंग आधारित तुलना समेत अन्य योग्यताओं को पैरामीटर में शामिल किया गया था।
गणित के प्रश्नों में 49 फीसदी छात्र प्लेस वैल्यू नहीं कर पाते
रिपोर्ट के मुताबिक कक्षा तीसरी के छात्र जोड़-घटाव, गुणा-भाग, ज्यामिति, मान और प्लेस वैल्यू के मामले में एन से 16 अंक नीचे 53 हैं। जोड़ और गुणा का हल 51 छात्र ही सही कर पाते हैं। वहीं ज्यामिति के प्रश्नों को केवल 47 फीसदी छात्र ही सही बनाते हैं, जो कि एनए से 19 अंक कम है। रिपोर्ट में प्लेस वैल्यू पर भी सर्वे किया गया है। अर्थात् प्रश्नों को हल करते समय संबंधित मानों को कहां पर रखता है। इस मामले में केवल 49 फीसदी छात्र ही मान को सही जगह रखकर हल करते हैं।
सर्वे रिपोर्ट नहीं मिली है, इसलिए कुछ कह पाना संभव नहीं है। हालांकि 2013 की रिपोर्ट में इम्प्रूवमेंट देखने को मिले थे। इसीलिए 3 हजार स्कूलों में मैथ्स लर्निंग के स्पेशल किड्स दिए गए थे। इस वर्ष भी प्राथमिक स्कूलों के छात्रों के लिए ये किड्स पहुुंचाई जा रही है। वहीं टीचर्स ट्रेनिंग भी दिए जा रहे हैं। -विकास शील, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
राज्य के प्राथमिक स्कूलों में संसाधनों की भारी कमी है। वहीं अनुभवी शिक्षकों की भारी कमी है। इसके अलावा अधिकारियों को स्कूलों की सतत मॉनिटरिंग करनी चाहिए। वहीं गणित का भूत भगाने के लिए बार-बार अभ्यास की जरुरत और भाषा के लिए पालक,छात्र और शिक्षकों को ध्यान दिया जाना चाहिए। -बीकेएस रे, पूर्व आईएएस और शिक्षाविद्