रांची : सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदने में राज्य के नेता और अफसर भी शामिल हैं. राज्य के करीब सभी राजनीतिक दलों से संबद्ध नेताओं और सरकार के वरीय अफसरों ने रांची जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी जमीन खरीदी है. कई नेताओं व अफसरों ने अपने नाम पर भूमि की खरीद की है, तो कई ने रिश्तेदारों के नाम पर. नेताओं व अफसरों ने जमीन खरीदने के लिए अपना पता बदल दिया. झूठे कागजातों के माध्यम से खुद को भूमि विक्रेता के थाना क्षेत्र का निवासी बताया. उन्होंने इस संबंध में शपथ पत्र भी दाखिल किया. बाद में सीआइ और सीओ के साथ मिलीभगत कर गलत पते को सत्यापित भी कराया.
राज्य के दूसरे जिलों से विधायक रहते हुए (चुनाव लड़ने के लिए संबंधित क्षेत्र का निवासी होना जरूरी है) भी नेताओं ने रांची जिले में जमीन खरीदी है. नेताओं के गलत पता बताने और नियम के विरुद्ध जाकर जमीन खरीदने की जानकारी प्रशासन को भी है. रांची के उपायुक्त समेत कई आला अधिकारियों को समय-समय पर नेताओं द्वारा गलत तरीके से जमीन खरीदने की शिकायत कई लोगों ने की है, बावजूद इसके आज तक प्रशासन की ओर से इस मामले की जांच नहीं करायी गयी.
झूठा शपथ पत्र देने पर सजा
जमीन खरीदने वाले अफसरों को झूठे शपथ पत्र देने के कारण सजा हो सकती है. आइपीसी की धारा 463 और 466 के अंतर्गत इसके लिए दो वर्ष से सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. साथ ही सीएनटी एक्ट की धारा 71(ए) का उल्लंघन कर खरीदी गयी जमीन मूल रैयत को वापस लौटाने का प्रावधान है.