छात्रा ने घर फोन लगाकर कहा- मैं दिल्ली में फंसी हूं, छुड़ाकर घर ले जाओ..

रायगढ़ । ‘मैं दिल्ली में पिछले एक साल से फंसी हूं, यहां मेरे साथ शोषण किया जा रहा है। मेरा मोबाइल भी लेकर तोड़ दिए हैं। इससे मैं आप लोगों से बात नहीं कर पा रही थी। खाना बनाने वाले रसोईये से मिन्नत के बाद उसने मोबाइल दिया है जिससे मैं बात कर रही हूं। मुझे किसी तरह यहां से निकालकर अपने साथ ले जाईये, मैं बहुत तकलीफ में हूं।’

ये कहना है मानव तस्करी की शिकार कॉलेज छात्रा की जो पिछले एक साल से दिल्ली के पाश इलाके में नजरबंद है। परिजन को जब युवती के बारे में पता चला तो वह तत्काल शिकायत लेकर चक्रधर नगर थाने पहुंचे। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और टीम को तत्काल दिल्ली रवाना करने की बात कही जा रही है।

चक्रधर नगर थाना क्षेत्र की एक गांव की कॉलेज छात्रा को एक बार फिर मानव तस्करों ने दिल्ली में ले जाकर बेच दिया है। इस मामले के संबंध में युवती के पिता से मिली जानकारी के अनुसार उसकी बेटी रायगढ़ स्थित कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। ऐसे में उसके पास एक साल पहले किसी हेमंत बैरागी नाम के युवक का फोन आया और उसने युवती से मोबाइल में बात कर दोस्ती कर ली।

बताया जाता है कि युवक अपने आपको मरवाही का रहने वाला बताता था। युवती से दोस्ती के बाद वह कई दफे रायगढ़ पहुंचा और उससे मेलजोल बढ़ाने लगा। इस तरह युवती को झांसे में लेने के बाद युवक ने उसे बिलासपुर में 15 हजार रुपए की नौकरी का ऑफर दिया। किसान परिवार की होने से उनकी माली हालत खराब थी। परिवार की स्थिति देखते हुए युवती बिलासपुर पहुंच गई। बताया जाता है कि युवती ने बिलासपुर में तीन माह की ट्रेनिंग भी ली। इसके बाद युवक ने झांसे में लेकर उसे दिल्ली ले गया।

युवती को इसका अंदाजा नहीं था कि युवक ने उसे एक प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया है। कुछ दिन तक दिल्ली में रहने के बाद जब उस पर सितम शुरू हुआ तो उसे आभास हुआ कि वह मानव तस्करी की शिकार हो गई है। इसके बाद 18 जुलाई को खानसामें से विनती कर मोबाइल मांग और परिजन को आपबीती सुनाई। इधर परिजन गायब युवती को पिछले एक साल से खोज रहे थे। जब 18 जुलाई को युवती का फोन आया तो उन्होंने राहत की सांस ली और दो दिन बाद चक्रधर नगर पुलिस में शिकायत लेकर पहुंचे।

तस्करों के निशाने पर कॉलेज छात्राएं

चक्रधर नगर पुलिस ने हाल में मानव तस्करी का भांडाफोड़ किया था। उक्त तस्कर ने भी इसी अंदाज में युवती से संपर्क किया और झांसे में लेने के बाद युवती को राजस्थान के कोटा में बेच दिया था। मामले का खुलासा होने के बाद युवती को राजस्थान से वापस लाया गया और आरोपी व उसकी प्रेमिका का गिरफ्तार किया गया। खास बात तो यह है कि मामले में मानव तस्करी की शिकार युवती भी केजी कॉलेज की छात्रा थी।

ऐसे मामलों में मोबाइल का बड़ा योगदान रहता है। युवतियों के पास अज्ञात नम्बर से फोन आते हैं, जिस पर वह भरोसा कर उनके साथ होलेती हैं। अगर ऐसे मामलों पर काबू पाना है तो लोगों की यह समझना हो कि किसी भी अज्ञात फोन नम्बर पर कम भरोसा किया जाए। तभी मानव तस्करी पर रोकथाम संभव है।

हो सकता है भांडाफोड़

जिस तरह से कथित मानव तस्कर ने युवती से संपर्क साधा और उसे चंगुल में लेते हुए सौदा किया। किसी बड़े गिरोह का हाथ होने की संभावना बढ़ गई है। आशंका जताई जा रही है कि कथित तस्कर का नेटवर्क बहुत बड़ा हो सकता है। वह रायगढ़ के साथ और भी कई जगहों से युवतियों की सप्लाई में प्रमुख भूमिका निभाता है। बताया गया कि कथित तस्कर का बिलासपुर में एक केंद्र संचालित है। वहीं पर युवती को काम करने कथित तस्कर ने बुलाया था। मामले में पुलिस का मानना है कि बहुत जल्द आरोपी को हिरासत में लेकर नेटवर्क का भांडाफोड़ किया जाएगा।

तमाम कोशिश के बाद भी नहीं रुक रही तस्करी

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने ग्रामीण अंचलों में एक माह तक मानव तस्करी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया था। लैलूंगा, कापू, धरमजयगढ़ व कापू इत्यादि क्षेत्र में लगातार मानव तस्करी के मामले सामने आते हैं। हैरत वाली बात तो यह है कि पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान से भी तस्करी के मामले नहीं थम रही हैं।

लोकलाज के भय से परिजन ने साधी थी चुप्पी

आज से एक साल पहले जब युवती ने बिलासपुर की ओर रुख किया तो वह परिजन की अनुमति लेकर घर से निकली थी। मोटी तनख्वाह की चाह में वह घर से निकल तो गई मगर दिल्ली में जाकर फंस गई। वहां उसका मोबाइल भी तोड़ दिया गया, जिससे वह परिजन से संपर्क नहीं कर पा रही थी। इधर परिजन उसकी खोजबीन में लगे थे। युवती के पिता की मानें तो उन्होंने कई बार पुलिस से शिकायत करने का मन बनाया मगर डर था कि अगर शिकायत करते हैं तो परिवार की इज्जत चली जाएगी। इससे उन्होंने कोई शिकायत नहीं की थी।

 

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