मनमानी फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों के खातों की सरकार ने जांच शुरू कर दी है। अर्नेस्ट एंड यंग फाउंडेशन संस्था के अंतर्गत सूचीबद्ध चार्टर्ड एकाउंटेंसी फर्म इस जांच का काम पूरा करके अगस्त के दूसरे सप्ताह में दिल्ली सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
मंगलवार को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा का बाजारीकरण न हो। साथ ही स्कूल प्रबंधन अभिभावकों का शोषण न करे। मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को ऑडिट की बजाय जांच का नाम दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रक्रिया से दिल्ली के लोगों को फायदा होगा और देश को एक नई दिशा मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राज्य सरकार निजी स्कूलों को नियंत्रित नहीं करना चाहती। बल्कि सिर्फ यह चाहती है कि स्कूल शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें। कम दरों पर आवंटित की गई जमीन पर बने स्कूल शिक्षा निदेशक से पूर्व अनुमति के बिना ट्यूशन फीस की दरें नहीं बढ़ा सकते और ना ही शिक्षा देने में किसी तरह का भेदभाव कर सकते हैं।