केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले ट्रांसजेंडर (अधिकार संरक्षण) बिल 2016 बुधवार (20 जुलाई) को पास कर दिया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस बिल को पास करके सरकार ने समलैंगिकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से सुगठित होने का रास्ता निकाल दिया है। इस बिल के पास होने से समाज में कलंक माने जाने वाले समलैंगिकों को कई ऐसे अधिकार प्राप्त होंगे जिनसे उन्हें समाज में सम्मान के साथ जीने में और उन्हें मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि समलैंगिकों को भारत में कई जगहों पर भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वह न तो पुरुष और न स्त्री केटेगरी में शामिल होते हैं।
ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के संरक्षण सम्बंधी विधेयक को एक साल पहले राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने आज ऐसे व्यक्तियों को भेदभाव से बचाने के लिए इसी तरह के एक कानून का रास्ता साफ कर दिया है। यह निजी सदस्य विधेयक राज्यसभा सांसद तिरूची शिवा ने पेश किया था, जिसे राज्यसभा ने 24 अप्रैल 2015 को मंजूरी दी थी। 45 वर्ष में यह पहली बार था, जब सदन ने किसी निजी सदस्य विधेयक को मंजूरी दी थी। सरकार भी सदन को आश्वस्त करेगी कि वह व्यापक विचार विमर्श के बाद लोकसभा में अपना स्वयं का विधेयक पेश करेगी।