बालाघाट। ब्यूरो। वारासिवनी की ग्राम पंचायत नांदगांव में एक समाज विशेष के लोगों द्वारा समिति बनाकर फरमान सुनाते हुए एससी समाज के लोगों से किसी भी प्रकार का संबंध रखने वालों को गांव से बहिष्कृत किया जा रहा है। पहले सिर्फ एससी समाज के लोग बहिष्कृत होते थे लेकिन अब अन्य समाज के लोगों को भी बहिष्कृत किया जा रहा है। बहिष्कृत होने पर दो ग्रामीणों ने अजाक्स थाने में पहुंचकर ऐसा फरमान सुनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
बिना पूछताछ किए सार्वजनिक सुविधाओं से से कर दिया महरूम
नांदगांव निवासी हीरासिंह उइके ने बताया कि बिना उनसे पूछे और बगैर गलती के उन्हें गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। तीन पूर्व स्कूल के चपरासी ने आकर बताया गया कि उन्हें बहिष्कृत कर दिया गया है। तब से वे ग्राम में सभी सार्वजनिक चीजों से वंचित हैं। उन्हें सिर्फ इस बात पर बहिष्कृत किया गया है कि वे एससी समाज के व्यक्ति के घर शादी के कार्यक्रम में खाना खाए हैं। ऐसा करके समिति के लोग पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
एक माह बाद सुनाया फैसला
ग्रामीण तिलकराम कटरे ने बताया कि मजदूर न मिलने की स्थिति में उनके द्वारा एससी समाज के लोगों को काम पर बुलवाकर खेत में मेंढ़बंधान का कार्य करवाया गया था। एक माह बीत जाने के बाद बिना कुछ जाने इस तरह का फरमान सुनाए जाने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वैधानिक कार्रवाई होगी
अजाक्स थाने के उपपुलिस अधीक्षक केआर कर्वेती ने कहा कि नांदगांव के कुछ लोगों द्वारा अजाक्स थाने में शिकायत की गई है कि ग्राम के कुछ व्यक्तियों द्वारा उनका बहिष्कार किया गया है। शिकायत का अध्ययन कर जांच की जाएगी। उसमें सामने आए तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
आठ माह पहले चंदा न देने पर भी किया था समाज से बहिष्कृत
आठ माह पूर्व नांदगांव में होने वाले धार्मिक आयोजन में एससी समाज के व्यक्तियों द्वारा चंदा देने से मना कर दिया गया था। इसके चलते ग्राम में गठित की गई समिति द्वारा एससी समाज को बहिष्कृत किया था। साथ ही अन्य लोगों से इस समाज के लोगों के साथ लेनदेन या किसी प्रकार का व्यवहार रखने से भी मना किया गया था।