नई दिल्ली। देश के तीन केंद्र शासित क्षेत्रों में सफलतापूर्वक लागू होने के बाद बिहार के पूर्णिया और झारखंड की राजधानी रांची में सार्वजनिक राशन प्रणाली में राशन बांटने की जगह उपभोक्ताओं के खाते में सीधे नकदी जमा करने की योजना लागू की जाएगी। केंद्र व राज्यों की सहमति से इन दोनों राज्यों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। केंद्र सरकार ने नकदी प्रणाली को चाक चौबंद बनाकर लीकप्रूफ करने को कहा है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने दोनों राज्य सरकारों से संबंधित जिलों के शत प्रतिशत उपभोक्ताओं के राशन कार्ड को ऑनलाइन करने और उसे आधार नंबर से जोड़ने का कहा है। इसी तरह सभी उपभोक्ताओं का अपना बैंक खाता होना अनिवार्य है, ताकि उनके हिस्से की सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके खाते में हर महीने किया जा सके।
खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक झारखंड में रामगढ़ और रांची में किसी एक जिले का चयन किया जाना है, जिसका फैसला राज्य सरकार को करना है। इसके मुकाबले बिहार ने पूर्णिया का नाम तय कर दिया है। लेकिन दोनों राज्यों में तैयारियां पूरी नहीं हो सकी हैं। राशन प्रणाली में उपभोक्ताओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तरह प्रत्येक कार्ड पर हर महीने 25 से 35 किलोग्र्राम अनाज अति रियायती दर में उपलब्ध कराया जाता है। इसमें गेहूं दो रुपये, चावल तीन रुपये और मोटा अनाज एक रुपया किलो की दर से दिया जाता है।
बाजार भाव और उक्त दर के बीच के अंतर को नकदी के रूप में उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। राशन की जगह नकदी भुगतान की योजना की पायलट परियोजना पुडुचेरी, चंडीगढ़ और दादर नगर हवेली में सफलतापूर्वक लागू कर दी गई है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन केंद्र शासित प्रदेशों में योजना बहुत अच्छी तरह चल रही है। हर महीने के पहले सप्ताह में सभी उपभोक्ताओं के बैंक खाते में सब्सिडी का भुगतान करा दिया जाता है।