पीएम के साथ मीटिंग में कई सीएम ने दिखाई नाराजगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (16 जुलाई) को अंतर-राज्यीय परिषद की बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों से मुलाकात की। इस मुलाकात में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने राज्यपाल और उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार आर्टिकल 356 का गलत इस्तेमाल कर रही है। ऐसा नहीं था कि बीजेपी की ‘बुराई’ उसके विपक्षियों ने ही की। बल्कि उसके गठबंधन वाले लोग भी उसके खिलाफ बोले।

मीटिंग में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार को गवर्नर के पद को ही खत्म कर देना चाहिए। वहीं पंजाब में बीजेपी गठबंधन वाली पार्टी शिरोमणी आकाली दल ने आरोप लगाया कि केंद्र ने उनको ‘भिखारी’ बना दिया। तमिलनाडु की सीएम जयललिता की तरफ से कार्यक्रम में पहुंचे वित्त मंत्री ओ पन्नीरसेलम ने राज्यपाल की शक्तियों को कम करने का सुक्षाव दिया।

हरीश रावत जिनको सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करके फिर से सत्ता में बैठाया है उन्होंने राज्यपाल के मुद्दे को नहीं उठाया। उन्होंने इस मीटिंग में 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों की बात की। उनके मुताबिक, इससे उनके राज्य को मिलने वाले फायदे कम हो रहे हैं। मीटिंग में सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार पर संविधान के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उनके मुताबिक, केंद्र सराकर ने कुछ मुद्दों को राज्य की लिस्ट से उठाकर समवर्ती सूची में डाला है और समवर्ती सूची से कुछ विषयों को उठाकर केंद्र की सूची में।

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