भोपाल। प्रदेश में करीब 10 दिनों में हुई तेज बारिश से जनजीवन के साथ ही फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। प्रारंभिक सर्वे में तीन लाख हेक्टेयर खरीफ फसल (सोयाबीन, उड़द, मूंग आदि) प्रभावित हुई है। वहीं, 27 जिलों में 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में बोई गई फसल खराब हो गई। यहां दोबारा बोवनी करनी होगी। अतिवर्षा से फसलों के नुकसान का सर्वे कृषि विभाग करा रहा है।
मंत्रालय पहुंची प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि भोपाल, जबलपुर सहित 27 जिलों में 20 हजार हेक्टेयर की फसल खराब हुई है। तीन लाख हेक्टेयर में फसलों को आंशिक नुकसान हुआ है। मौसम खुलने पर यहां स्थिति सुधर सकती है।
प्रमुख सचिव कृषि डॉ.राजेश कुमार राजौरा ने बताया कि फसल क्षति का सर्वे करके रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। जहां दोबारा बोवनी करने की जरूरत है, वहां बीज किसानों को मुहैया कराने की तैयारी कर ली है। मैदानी अमले को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को सलाह दें कि खेतों में पानी भरा न रहने दें। मौसम खुलने पर इल्ली आदि रोग लग सकते हैं, इसलिए एहतियात रखें।
5 लाख हेक्टेयर घटेगा सोयाबीन का रकबा
लगातार सोयाबीन की खेती में घटा उठाने के बाद इस बार प्रदेश में सोयाबीन का रकबा 5 लाख हेक्टेयर घटेगा। सरकार ने बोवनी के जो लक्ष्य तय किए हैं, उसके मुताबिक सोयाबीन की बोवनी 54 लाख हेक्टेयर में होगी। ये पिछले साल 59 लाख हेक्टेयर थी। वहीं, दलहन फसलों का रकबा बढ़ सकता है।
दरअसल, पिछले साल दलहन फसलों के किसानों को बेहतर दाम मिले थे, इसलिए इस बार अरहर 5 लाख 79 लाख हेक्टेयर की जगह 7 लाख 96 हजार हेक्टेयर, मूंग 1.93 लाख हेक्टेयर की जगह 2.55 लाख हेक्टेयर, उड़द की बोवनी का लक्ष्य 9.32 लाख की जगह 11.04 लाख हेक्टेयर रखा गया है। अभी तक 85 लाख हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है, जबकि लक्ष्य 131 लाख हेक्टेयर है।
खराब फसल होने पर मिलेगा फसल बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में वे किसान भी आएंगे, जिनकी फसल बारिश के कारण खराब हो गई है। इसके लिए प्रकरण बनाकर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। योजना में बाढ़ से 75 प्रतिशत बोवनी खराब होने पर पूरा फसल बीमा देने का नियम है। बोवनी नहीं कर पाने की सूरत में भी 25 प्रतिशत बीमा किसान को मिलेगा।
यहां करनी पड़ेगी दोबारी बोवनी
भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, रीवा, सतना, सिंगरौली, शिवपुरी, गुना, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, दतिया, नरसिंहपुर, जबलपुर, शाजापुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, अशोकनगर, सीधी और मंडला।