केंद्र से नहीं मिली अरहर दाल, दाम में और बढ़ोतरी

पटना : राज्य में दाल का संकट जस-का-तस बना हुआ है. बाजार में दाल की कमी के कारण इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके बावजूद राज्य में खपत के मुताबिक केंद्र से दाल मिलने की संभावना नहीं है. जून के पहले और अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्रति माह 16,500 टन अरहर दाल की मांग की थी. उधर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार पर आवंटन नहीं मांगने का आरोप लगाया था. 
इसके बाद प्रदेश के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने केंद्र सरकार को दाल के लिए पुन: पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार में अरहर दाल दलने की मशीन नहीं है, इसलिए बिहार को दली हुई अरहर दाल मिले. खाद्य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने जून में लिखे दो पत्रों का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. यह भी नहीं बताया कि दली हुई अरहर दाल मिलेगी या साबूत अरहर ही मिलेगा. 
दाम में और बढ़ोतरी : फिलहाल राज्य में एक सप्ताह के अंदर अरहर दाल की कीमत में 10 रुपये प्रति किलो, चना की दाल में 20 रुपये किलो और मसूर की दाल सात से आठ रुपये किलो की वृद्धि हुई है. थोक भाव में चना दाल 10300 से 10500 रुपये, अरहर दाल 12600 से 12900 रुपये, मसूर की दाल 7600 से 7800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रही है. 
सालाना दो लाख टन दाल बाहर से मंगाने की जरूरत
राज्य में दलहन में अरहर, उरद, भदई, मूंग, कुल्थी, घांघरा, रबी मूंग, चना, मटर, मसूर और खेसारी का उत्पादन होता हैै. कृषि विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार 2014-15 में 28542 टन अरहर, 14355 टन उरद, 9232 टन भदई मूंग, 90725 टन खरीफ मूंग, 7960 टन कुल्थी, 429 टन घांघरा, 57490 टन चना, 140063 टन मसूर, 17313 टन मटर और 60055 टन खेसारी की उपज हुई थी. राज्य में लगभग दो लाख टन दाल बाहर से मंगाने की आवश्यकता है.

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