गेहूं न बिकने पर 3.41 करोड़ का नुकसान, खेमका के खिलाफ चार्जशीट

हरियाणा की भाजपा सरकार ने हरियाणा बीज विकास निगम (एचएसडीसी) को 2012-2013 में गेहूं के बिना बिके भंडार के चलते कथित तौर पर टाले जा सकने वाला वित्तीय नुकसान पहुंचाने के लिए अशोक खेमका को चार्जशीट किया है।

यह कदम तब आया है जब आठ महीने पहले सरकार ने 1991 बैच के आईएएस अधिकारी के खिलाफ एक चार्जशीट को वापस ले लिया था। उक्त चार्जशीट हरियाणा की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उन्हें अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करने के लिए जारी की थी क्योंकि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियलिटी कंपनी डीएलएफ के बीच हुए एक जमीन सौदे की दाखिल खारिज रद्द कर दी थी।

खेमका के खिलाफ चार्जशीट राज्य की भाजपा सरकार ने नवम्बर 2015 में वापस ले ली थी। एक जुलाई की तिथि वाली नवीनतम चार्जशीट उन्हें आठ जुलाई को दी गई।

आरोपों के अनुसार, खेमका एचएसडीसी के प्रबंध निदेशक (15 अक्तूबर 2012 से चार अप्रैल 2013 तक) के तौर पर रबी 2012-2013 के दौरान प्रमाणित गेहूं के बीज भंडार की बिक्री करने में असफल रहे थे, 22.21 करोड़ रूपये कीमत का 87177 क्विंटन प्रमाणित गेहूं का बीज नहीं बिक पाया, जिसके कारण एचएसडीसी को 3.41 करोड़ रूपये का वित्तीय नुकसान हुआ।

खेमका द्वारा वड्रा़-डीएलएफ भूमि सौदे की दाखिल खारिज अक्तूबर 2012 में रद्द किये जाने के कुछ ही दिन बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनका स्थानांतरण एचएसडीसी के प्रबंध निदेशक पद से कर दिया था।

खेमका का उसके बाद भी कई बार स्थानांतरण किया गया। इसमें वर्तमान में मनोहर लाल खट्टर नीत भाजपा सरकार के दौरान किया गया उनका स्थानांतरण भी शामिल है। खेमका वर्तमान में हरियाणा सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव हैं।

वह गेहूं बिक्री मौसम के शुरू में एचएसडीसी के प्रबंध निदेशक बने थे। इससे पहले कैग की रिपोर्ट में यह कहा गया था कि बीज के भंडार की बिक्री मुख्य तौर पर 2011-2012 में अधिक उत्पादन के चलते नहीं नहीं हो पायी।

31 मार्च, 2014 के लिए समाप्त वर्ष के लिए एचएसडीसी की कैग की निष्पादन लेखा परीक्षा रिपोर्ट में कहा गया था कि इसके कारण रबी 2012 में बिक्री के लिए गेहूं का अधिक बीज उपलब्ध रहा।

यद्यपि खट्टर सरकार ने खेमका को अखिल भारतीय सेवा (अपील एवं अनुशासनात्मक) नियम के नियम 10 के तहत चार्जशीट करने का आदेश दिया है।

आरोपों वाले पत्रक के जवाब में खेमका ने हरियाणा के मुख्य सचिव को भेजे एक पत्र में लिखा है कि सुनवायी के बिना किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को चार्जशीट करना असामान्य है।

उन्होंने लिखा है कि यहां तक कि वड्रा़-डीएलएफ जमीन सौदे मामले में पहले की चार्जशीट एक मौके प्रदान करने के बाद जारी की गई थी। वर्तमान मामले में वह भी नहीं किया गया।

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