टना : आद्री के सदस्य सचिव व समाजशास्त्री शैबाल गुप्ता ने कहा कि भारत में केरल के बाद बिहार में सामाजिक क्षेत्र में अधिक निवेश हुआ है. खासकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में. सामाजिक क्षेत्र में निवेश का परिणाम ही विकास के रूप में सामने आता है. भारत में वर्किंग पॉपुलेशन का औसत अभी ठीक है. विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित कार्यशाला में गुप्ता ने बताया कि यह विडंबना है कि विश्व की जनसंख्या बढ़ रही है, जबकि कुछ देशों में जनसंख्या घट रही है. यूरोप में भी आबादी कम हो रही है. वैश्विक स्तर पर जनसंख्या का विकास दर दो फीसदी से कुछ अधिक है.
उन्होंने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है. स्वास्थ्य क्षेत्र में मैनपावर को बढ़ाना होगा. इसके बिना विकास नहीं हो सकता. राज्य में जहां पर परिवार कल्याण काउंसलरों की नियुक्ति की गयी वहां पर परिणाम बेहतर देखने को मिला.
पारिवारिक काउंसलरों की संख्या 103 थी. देखा गया कि 12 ऐसे स्थल हैं जहां पर काउंसल थे और 12 ऐसे स्थल जहां पर काउंसल नहीं थे. दोनों के परिणाम में बहुत अंतर आया. इस मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक जीतेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य में जनसंख्या को कम करना है.
साथ ही जनसंख्या के घटते दर को स्थिर भी रखना हैं. उन्होंने बताया कि आबादी नियंत्रण को लेकर महिलाओं के साथ पुरुषों में भी नसबंदी कराने को बढ़ावा दिया जा रहा है.
इसके लिए राज्य में आदर्श दंपत्ति योजना शुरू की गयी है. दंपत्तियों के संतान नियंत्रण को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस मौके पर डेविड एंड ल्युसिल पैकर फाउंडेशन के कंट्री एडवाइजर आनंद सिन्हा ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण में लड़कियों का आबादी को ध्यान में रखना होगा.
किस उम्र में लड़कियों की संख्या कम हो रही है. इसके अलावा लिंगानुपात को हर आयु वर्ग में सामान्य रखने की आवश्यकता है तभी जाकर जनसंख्या स्थिरीकरण की बात हो सकती है. इस मौके पर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे.