काठमांडू। नेपाल की न्यायपालिका के 64 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला ने मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला है। 64 वर्षीय सुशीला कार्की ने सोमवार को देश के 25वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली।
कार्की के नाम की सिफारिश 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री केपी ओली की अध्यक्षता वाली संवैधानिक परिषद ने की थी। कार्की को राष्ट्रपति ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
वह पिछले तीन महीने से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम कर रही थीं। विशेष संसदीय समिति ने रविवार को उनके नाम पर मुहर लगाई। नेपाल में किसी संवैधानिक पद पर नियुक्ति के लिए इस समिति की मंजूरी जरूरी होती है।
पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में विद्या देवी भंडारी और पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष ओनसारी घरती के बाद शीर्ष पद पर किसी महिला की यह तीसरी नियुक्ति है।
भारत में मिला हमसफर
7 जून 1952 को बिराटनगर के पास एक गांव में जन्मीं कार्की की पहचान भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने वाली और बिना किसी दबाव के फैसला सुनाने वाले जज के तौर पर रही है। उनका भारत से भी गहरा नाता रहा है।
उन्होंने 1975 में बनारस हिंदू विश्र्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। यहीं पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई। बाद में दोनों ने शादी कर ली।