बहादुरपुर में चार गांवों के 345 चापाकल सूखे

बहादुरपुर ( दरभंगा) : प्रखंड के मेकना वेदा, बसतपुर, उघरा व विउनी अंदामा पंचायत में पेयजल संकट गहरा गया है. इन चार पंचायतों के करीब 345 चापाकल सूख गये हैं. इसका कारण पिछले आठ दिनों में जलस्तर 32 फुट नीचे गिरना बताया जा रहा है. पीएचइडी के कनीय अभियंता ने जांच कर इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी है. बीडीओ ने कहा कि इन पंचायतों में पेयजल आपूर्ति की दिशा में कार्रवाई के लिये पीएचइडी के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
प्रखंड के मेकना वेदा में 105 चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है, जबकि बसतपुर में 55 चापाकल सूख गये हैं. उघरा में 125 व विउनी अंदामा में 70 चापाकल बंद हो गये हैं. यह स्थिति पिछले आठ दिनों के अंदर हुई है. इन पंचायत के चापाकल एक-एक कर सूखने लगे हैं. पानी नहीं निकलने से क्षेत्र में पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है. लोगों का कहना है कि बरसात के समय अचानक चापाकल के सूखने की घटना पहली बार हुई है.

मेकना वेदा के मुखिया मो. कलाम ने बताया कि आठ दिनों के दौरान कई लोगों ने चापाकल सूखने की जानकारी दी. शुरू में तो हल्के में लिया, लेकिन जब घूमकर देखा तो करीब 105 चापाकल सूख गये हैं. इसकी जानकारी उन्होंने बीडीओ अविनाश कुमार को दी. कुछ इसी तरह की बात बसतपुर के मुखिया नागेन्द्र मांझी व उघरा की मुखिया किरण देवी ने कही है. बीडीओ व पीएचइडी के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं.

पता नहीं क्या हो गया. अचानक चापाकल सूख जाने से क्षेत्र के लोग चिंतित हैं. समझ में नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा
बहादुरपुर में चार…

क्या हो गया कि एक साथ सैकड़ों चापाकल सूख गये. इस संबंध में बसतपुर के रामभजन पासवान, राजकिशोर पासवान, बैजू सहनी, बटोही मुखिया, हीरा यादव, उघरा के सियाराम झा, नीलेश झा, धीरेंद्र झा आदि ने बताया कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. बरसात के महीने में चापाकल ज्यादा पानी देते थे, लेकिन पता नहीं क्यों यह सूख गये हैं.

आठ दिन में 32 फुट नीचे गया जलस्तर
क्षेत्र में पेयजल संकट गहराया
मेकना वेदा में 105, बसतपुर में 55, उघरा में 125 एवं विउनी अंदामा में 70 चापाकलों से
पानी निकलना बंद
कनीय अभियंता ने जांच कर अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट
बीडीओ ने कहा, पेयजल आपूर्ति की दिशा में उठाये जा रहे कदम
लोगों की सूचना पर हमने जांच की. इस दौरान पाया गया कि करीब 32 फुट जलस्तर नीचे चला गया है. इसकी सूचना वरीय अधिकारी को दे दी है. निर्देश के बाद कार्रवाई की जायेगी. औसत 20 फीट जलस्तर होना चाहिए, जो नहीं है. इस वजह से चापाकल सूखने लगे हैं.
मुकुंद कुमार, कनीय अभियंता पीएचइडी

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