भोपाल (ब्यूरो)। आम आदमी पार्टी ने 116 विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आने का आरोप लगाया है। राज्यपाल रामनरेश यादव को सोमवार को विधायकों की सूची देकर कार्रवाई की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता अक्षय हुंका ने आरोप लगाया कि ये विधायक कॉलेजों की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष हैं।
इस नाते उन्हें भत्ता मिलता है, जबकि वे विधायक का वेतन और भत्ते लेते हैं। प्रदेश में 103 पद लाभ के दायरे से बाहर हैं। इस सूची में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नहीं हैं, इसलिए इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। जबकि, उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त उमाकांत उमराव ने बताया कि जनभागीदारी के अध्यक्ष को मानदेय नहीं मिलता है। उन्हें कोई भत्ता भी नहीं दिया जाता है।
आप नेताओं ने राज्यपाल के समक्ष भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(क) अनुच्छेद 192 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत लिखित में शिकायत दर्ज कराई है।
आप के नेताओं ने कहा कि अगर ये विधायक अयोग्य ठहराए जाते हैं तो शिवराज सरकार खतरे में आ जाएगी और ऐसे में राज्यपाल को उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ‘आप’ के उस विधेयक को नामंजूर कर दिया था, जिसमें उनके 21 विधायकों को लाभ के पद के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान था। इसम मामले में चुनाव आयोग 14 जुलाई को सुनवाई करेगा।