भारत के भविष्य निर्माता हैं खनिज व्यवसायी : नरेंद्रसिंह तोमर

रायपुर। खनिज क्षेत्र के समूचित विकास और खनन की सुदृढ़ नीति तय करने के मकसद से राजधानी रायपुर में सोमवार को नेशनल कॉन्क्लेव ऑफ माइंस एण्ड मिनरल्स की शुरूआत हुई। इस आयोजन में केंद्रीय खनिज एवं उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित देशभर के खनिज व्यवसायी शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली भी शिरकत करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के चलते उनके विमान की नागपुर में आपात लैंडिंग की गई और वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि मैं यहां देशभर के खनिज व्यवसायियों को नहीं बल्कि देश के आम नागरिकों को संबोधित कर रहा हूं। खनिज संपदा को व्यवसायिक नजरिए के साथ देखने के अलावा एक आम नागरिक की दृष्टि से हमें इसे देखना होगा, ताकि इनका विवेकपूर्ण व समूचित रूप से दोहन हो सके। उन्होंने कार्यक्रम की शुरूआत में खनिज व्यवसायियों को भारत का भविष्य निर्माता कहकर उनका स्वागत किया।

डीएलएफ की राशि से होगा दंतेवाड़ा का विकास

कार्यक्रम के दौरान तोमर ने राज्य में खनिज उद्योग के विकास की भावी योजना के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अग्रणीय खनिज राज्य छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां दंतेवाड़ा में डीएलएफ की 25 करोड़ की राशि से क्षेत्र में विकास कार्य किए जाएंगे। इससे खनन के साथ-साथ क्षेत्र का भी समूचित विकास हो सकेगा।

मिनरल फंड से तीन गुना अधिक राशि से होगा खनन प्रभावित जिलों का विकास

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि मिनरल फंड से मिलने वाले 1100 करोड़ रुपयों से तीन गुना अधिक राशि प्रदेश के खनन प्रभावित जिलों के विकास के लिए खर्च की जाएगी। इससे राज्य के खनन प्रभावित जिलों में छतिपूर्ति के साथ-साथ वहां का सामाजिक आर्थिक विकास हो सकेगा। अभी राज्य सरकार को 1100 करोड़ में से 500 करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है और 1200 करोड़ रुपयों के विकास कार्य भी खनन प्रभावित इलाकों में शुरू हो गए हैं।

छत्तीसगढ़ के माइन्स की नए सिरे से होगी मैपिंग

डॉ रमन सिंह ने बताया कि राज्य में माइन्स का नए शिरे से मैपिंग का काम शुरू किया गया है। अभी 10 प्रतिशत सर्वे का काम हो चुका है। डॉ रमन ने कहा कि इस काम के लिए जितना भी खर्च होगा राज्य सरकार करेगी। इसके लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा।

उन्होने कहा कि खनिज के दोहन में पूरी तरह से पारदर्शिता रखी जाएगी और उसी अनुपात में जंगलों का विकास होगा। पारदर्शिता के लिए एक पब्लिक डोमेन बनाकर उसमें जानकारी डाली जाएगी। माइनिंग इफेक्टेड एरिया में प्रभावित परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा और महिलाओं करो उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर बांटे जाएंगे।

 

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