जंगली जानवरों में अकेले नीलगाय 20 से 60 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे किसानों को भारी क्षति होती है। उन्हें कोई मुआवजा भी नहीं मिलता है जबकि हाथी , जंगली सूअर , भालू , बंदर और लंगूर के कारण बागवानी और अन्य फसलों को क्षति पहुंचती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर मोटे तौर पर किये गये आकलन के अनुसार जिन क्षेत्रों में नीलगाय की संख्या कम है वहां वे 20 से 30 प्रतिशत तक गेहूं , 40 से 55 प्रतिशत तक दलहनों तथा 25 से 40 प्रतिशत तक कपास की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं । जिन इलाकों में नीलगाय अच्छी संख्या में हैं वहां फसलों का नुकसान 60 प्रतिशत तक पहुंच जाता है ।
दलहन की फसल नीलगाय को बेहद भाती है । उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और कई अन्य राज्यों के किसानों की शिकायत है कि कई बार तो शाम में अपने खेतों में दलहनों की लहलहाती फसल को देखकर अपने घर लौटतें हैं और अगले दिन जब खेत में आते हैं तो पूरी फसल साफ हो चुकी होती है तथा उसमें हल चलाने अलावा कोई अन्य विकल्प उनके पास नहीं होता है।