जांजगीर-चांपा, नईदुनिया न्यूज। जिले की दस परियोजनाओं में से मात्र सात परियोजनाओं के आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही बच्चों को अमृत दूध का वितरण हो रहा है। शेष तीन परियोजनाओं के 6 सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 11 हजार बच्चे अमृत दूध से वंचित हैं जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग ने दूध की सप्लाई करने वाली संस्था को 16 लाख रुपए दो माह का अग्रिम भुगतान करने के साथ ही मांग पत्र भेज दिया है। इसके बाद भी जिले के तीन परियोजनाओं में अमृत दूध की सप्लाई नहीं की जा रही है।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल अमृत दूध योजना का जिले में ठीकठाक वितरण नहीं हो पा रहा है। योजना के संचालित होने के एक माह बाद भी जिले के लगभग 11 हजार बच्चे अमृत दूध से दूर हैं जबकि अमृत दूध की सप्लाई को लेकर विभाग ने संबंधित संस्था को मई माह में ही 16 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान कर दिया है। जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के दस परियोजना कार्यालय हैं। इसमें 2 हजार 177 आंगनबाड़ी केन्द्र में इसका संचालन विभाग द्वारा किया जाता है। इन परियोजनाओं में 43 हजार 741 बच्चे हैं।
अमृत दूध सात परियोजनाओं जांजगीर, जांजगीर-1, अकलतरा, बलौदा, पामगढ़, जैजैपुर, मालखरौदा परियोजना में ही सप्लाई दी जा रही है। अमृत दूध से वंचित परियोजनाओं में बम्हनीडीह, सक्ती व डभरा शामिल हैं। इन तीनों परियोजनाओं में 6 सौ आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिसमें लगभग 11 हजार बच्चे दर्ज हैं। इन 11 हजार बच्चों को योजनाओं शुरू होने के बाद भी दूध नहीं मिल रहा है।
इसका कारण विभागीय अधिकारी दूध की सप्लाई न हो पाना बता रहे हैं। विभाग के अनुसार बच्चों की संख्या के साथ परियोजना के नाम की सूची छत्तीसगढ़ दूध महासंघ मर्यादित उदला दुर्ग को भेज दी गई है, जिसमें दूध की लागत खर्च की राशि भी शामिल है। इसके बावजूद दूध के सप्लायर द्वारा दूध की सप्लाई न कर योजना पर ग्रहण लगाया जा रहा है।
शासन ने इस योजना को बगैर तैयारी के ही आनन-फानन में शुरू कर दिया है,जिसकी वजह से दूध की सप्लाई करने वाली संस्था भी मांग के अनुसार दूध उपलब्ध कराने में खुद को असमर्थ पा रही है। यही कारण है कि जिले में 16 लाख रुपए एडवांस देने के बाद भी संस्था द्वारा तीन परियोजनाओं में दूध की सप्लाई नहीं की जा रही है। इसके चलते आंगनबाड़ी के 11 हजार बच्चे दूध से वंचित हैं।
”जिले में तीन परियोजनाओं में दूध की सप्लाई नहीं हो रही है। इसके लिए दुग्ध महासंघ को दो माह का 16 लाख रुपए अग्रिम भुगतान करने के साथ ही मांग पत्र भेजा गया है। तीनों परियोजनाओं में दूध की सप्लाई शुरू करने लगातार कहा जा रहा है।”
एमडी नायक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जांजगीर-चांपा