रायपुर। केंद्र की मोदी सरकार ने देश के सभी गांवों में वर्ष 2017 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गांव तक बिजली पहुंचाने में छत्तीसगढ़ पिछड़ रहा है। हाल यह है कि प्रदेश के 382 नक्सल प्रभावित गांवों में बिजली पहुंचाने में विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
गोवा में देशभर के ऊर्जा मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए तय समय सीमा में एक साल बढ़ाने की मांग की है। अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2017 तक इन गांवों में बिजली पहुंचाना संभव नहीं है। ऐसे में सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 2018 तक पूरा किया जाएगा।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा, परिवहन और ठेकेदार नहीं मिलने के कारण बिजली विभाग के अधिकारी अब वहां सोलर पैनल लगाने की तैयारी में है। प्रदेश के 1080 गांव में अब तक बिजली नहीं पहुंची है, जिसे वर्ष 2017 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2015-16 में 400 गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी।
बाकी 680 गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए एक साल का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश के 11 जिलों के हर गांव में बिजली पहुंचा दी गई है। बताया जा रहा है कि तीन-चार जिलों में घने जंगलों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 15 जिलों में पांच से दस गांव में बिजली पहुंचाना बाकी है। इन गांवों में इस वर्ष बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में यह है दिक्कत
आला अधिकारियों ने बताया कि बस्तर, सरगुजा, कांकेर और नारायणपुर के गांवों में घने जंगलों का रोड़ा है। यहां पर्यावरण स्वीकृति मिलते ही विद्युतीकरण का काम शुरू हो जाएगा। वहीं, अंदरुनी गांवों में परिवहन सबसे बड़ी समस्या है। यहां काम करने के लिए ठेकेदार भी नहीं मिल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 800 बसाहट में बिजली पहुंचाना बाकी है। इसके लिए सीएम टोला मजरा विद्युतीकरण योजना के तहत कार्य किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल
1080 गांवों में अब तक नहीं हुआ है विद्युतीकरण
400 गांवों में पूरा कर लिया जाएगा वर्ष 2015-16 में
680 गांवों में अगले वित्तीय वर्ष में विद्युतीकरण पूरा करने का लक्ष्य
इनका कहना है
केंद्र सरकार ने प्रदेश के 382 गांवों में वर्ष 2017 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था। गोवा कानक्लेव में राज्य शासन ने इसे 2018 तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे स्थानीय दिक्कतों को देखते हुए स्वीकार कर लिया गया।
-अजय चंद्राकर, मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
छत्तीसगढ़ ने सभी गांवों में वर्ष 2016-17 में विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है। नक्सल प्रभावित गांवों में सबसे बड़ी दिक्कत सुरक्षा और ट्रांसपोर्टेशन की आ रही है। इसे दूर करने के उपाए किए जा रहे हैं।
– अंकित आनंद, एमडी, सीएसपीडीसीएल