मथुरा के जवाहर बाग पर कब्जा जमा कर बैठने वाले रामवृक्ष यादव का न केवल अजीबोगरीब एजेंडा था बल्कि वह सूचना के अधिकार केतहत भी अजीबोगरीब जानकारी भी हासिल करना चाहता था। ऐसी ही एक जानकारी उसने मांगी थी कि क्या भारत के प्रथम नागरिक(राष्ट्रपति) को कोई पहचान पत्र(आईडी) जारी किया जाता है। रामवृक्ष यादव ने आईडी की सत्यापित प्रति सहित अन्य दस्तावेज मुहैया कराने की गुहार की थी।
गत 15 जून को केंद्रीय सूचना आयोग ने रामवृक्ष यादव की याचिका का निपटारा करते हुए राष्टïपति सचिवालय द्वारा इस संबंध में की गई कार्रवाई को संतोषजनक करार दिया। इस तारीख पर रामवृक्ष यादव आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं था। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि पिछले दिनों मथुरा में हुई पुलिस की कार्रवाई में उसकी मौत हो गई थी। हालांकि उसकी मौत को लेकर अब भी संशय बरकरार है।
दिलचस्प यह है कि रामवृक्ष यादव अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे जवाहर बाग को ही अपना घर मानता था। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के समक्ष किए अपील में उसने अपना पता मथुरा के जवाहर बाग का ही दिया था।
गत वर्ष 30 मई को रामवृक्ष ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत राष्ट्रपति सचिवालय से जानकारी मांगी थी कि क्या भारत केप्रथम नागरिक को पहचान पत्र(आईडी) जारी किया जाता है और अगर किया जाता है तो उसे उसकी सत्यापित प्रति मुहैया कराई जाए। साथ ही वह यह भी जानना चाहता था कि क्या भारतीय मुद्रा को शुद्ध रूप से भारतीय बनाने की क्या कोई योजना है।
सूचना अधिकारी द्वारा गत वर्ष 10 जनू को ही रामवृक्ष को इस बारे में जानकारी दे दी गई थी। लेकिन रामवृक्ष उस जवाब से संतुष्टï नहीं था और उसने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील दायर की थी।
अपनी सेना बना जवाहर बाग पर लंबे समय से कब्जा जमा बैठे रामवृक्ष यादव अपने बेकार की मांगों के लिए जाना जाता था। इसी शख्स ने यह भी मांग थी कि भारत में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का सीधा चुनाव होना चाहिए।