डिफॉल्टरों से 55,000 करोड़ की वसूली की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने डिफॉल्टरों से 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली प्रक्रिया शुरू की है। यह कार्यवाही मुख्य रूप से धन जुटाने की अवैध स्कीमों पर अंकुश लगाने की उसकी मुहिम से जुड़ी है। अक्टूबर 2013 में जुर्माने और निवेशकों से धोखाधड़ी से जुटाए धन की वसूली को मिली शक्तियों के बाद सेबी ने करीब 900 वसूली प्रक्रियाएं शुरू की हैं। इनमें 200 से ज्यादा पूरी हो गई हैं।

इन प्रक्रियाओं से 55,015 करोड़ रुपये की राशि जुड़ी है। इनमें जुर्माना वसूली के तौर पर पिछले वित्त वर्ष की 52,959 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। इसमें सामूहिक निवेश स्कीम (सीआइएस) से जुड़ी 52,912 करोड़ रुपये की राशि और अन्य 47 करोड़ रुपये हैं। समीक्षाधीन अवधि में 2,500 से ज्यादा जब्ती के नोटिस जारी हो चुके हैं। इसमें वित्त वर्ष 2015-16 में 600 से ज्यादा ऐसे मामले शामिल हैं। रोचक यह है कि 207 मामलों में 250 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है।

निवेशकों को ज्यादा मुनाफा देने का वादा करके कई कंपनियों ने विभिन्न तरीके अपनाकर अवैध रूप से धन जुटाया है। सेबी ने बकाया राशि की वसूली के लिए डिफॉल्टरों की संपत्ति जब्त की है। बैंक और डीमैट खाते सील किए हैं। इसके अलावा नियामक ने 744 कारोबारी सत्रों में विभिन्न डिफॉल्टरों के जब्त शेयर बेचे और 11 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की।

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अमेरिकी निवेशक आशावादी

अमेरिकी निवेशक भारत को लेकर बेहद आशावादी हैं। खास तौर से मोदी सरकार की ओर से पिछले दो साल में की गई नीतिगत पहलों के कारण ऐसा हुआ है। सेबी प्रमुख यूके सिन्हा ने मंगलवार को यह बात कही।

हाल में अमेरिका होकर आए सिन्हा ने बताया कि अमेरिकी निवेशक भारत और यहां हो रहे नीतिगत बदलावों व नियामकीय विकास के प्रति बहुत उत्साहित हैं। सेबी प्रमुख अमेरिका में म्यूचुअल और पेंशन फंडों के निवेशकों व शैक्षणिक समुदाय के प्रतिनिधियों से मिले थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *