अमित देशमुख. भोपाल। वर्ष 2013 में टायपिंग और स्टेनो की परीक्षा में फर्जी तरीके से पास होने के आधा दर्जन आरोपी प्रदेश की विभिन्न जिला न्यायालयों में फैसले लिखने का काम कर रहे हैं। यहीं नहीं, ऐसे आठ अन्य आरोपी तो मध्यप्रदेश पुलिस में नौकरी भी पा चुके हैं। यह खुलासा एसटीएफ की जांच में हुआ है। एसटीएफ ने ऐसे 15 आरोपियों की सूची बनाई है, जिन्होंने टायपिंग और स्टेनो की परीक्षा न सिर्फ पैसे देकर पास की, बल्कि सरकारी नौकरियां भी हासिल कर ली हैं। एसटीएफ अब इन सभी आरोपियों पर फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी पाने के मामले में भी एफआईआर दर्ज करवाएगी। इसके बाद सभी की गिरफ्तारी की तैयारी होगी। मालूम हो फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी पाने के मामले के बाद एसटीएफ के अधिकारी इसे प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा मान रही है।
200 से ज्यादा मामले आ सकते हैं सामने
एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार एसटीएफ ने टायपिंग और स्टेनो परीक्षा की 2946 कॉपियां जब्त की थी, इसमें करीब 600 लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं। अब तक की जांच में इन 15 के अलावा एसटीएफ को 250 से 300 लोगों के (जिन्होंने फर्जी तरीके से स्टेनो और टायपिंग पास की) सरकारी नौकरी में काम करने की आशंका है। इन सभी पर 14 अप्रैल 2013 और 21 अप्रैल 2013 को अंग्रेजी शॉर्ट हैंड और हिंदी टायपिंग की परीक्षा में पैसा देकर पास होने का आरोप है।
इस तरह हुआ खुलासा
व्यापमं द्वारा आयोजित एएसआई और कोर्ट में स्टेनोग्राफर की परीक्षा की परीक्षा वर्ष 2013 में हुई थी। इसमें चयनित अभ्यर्थियों की मार्कशीट की सत्यता के लिए डीपीआई को पत्र भेजा गया। डीपीआई यह लिस्ट एसटीएफ को दे दी क्योंकि उसके पास वर्ष 2013 के संदिग्ध अभ्यर्थियों का रिकॉर्ड था। एसटीएफ ने जब लिस्ट की जांच की तो 15 अभ्यर्थियों के नाम सामने आए।