वेज-नॉनवेज या धर्म के आधार पर घर नहीं बेच सकेंगे बिल्डर

अक्सर बिल्डर घर बेचते समय या किराये पर देते समय ये पूछ बैठते हैं कि आप वेज खाते हैं या नॉनवेज, किस धर्म के हैं। मोदी सरकार रियल स्टेट बिल में कई बड़े परिवर्तन की तैयारी में है। सरकार रियल स्टेट एक्ट में कुछ ऐसी नई धाराएं शामिल करने जा रही है जिसके बाद बिल्डर्स घर बेचने के दौरान खरीदारों से धार्मिक, लैंगिक या खानपान की आदतों के आधार पर भेदभाव नहीं कर पाएंगे।

रियल स्टेट एक्ट (रेग्युलेशन एंड डवलपमेंट) 2016, इस साल पहले ही पास किया जा चुका है। इस कानून के मुताबिक बिल्डर्स और खरीदार के बीच एक रेग्युलेरिटी अथॉरिटी या ट्रिब्यूनल काम करेगा जो इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण और सुनवाई के लिए काम करेगा। आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय (MHUPA) 31 अक्टूबर से पहले इसे लागू करने की योजना बना रही है। इसके लागू होने के बाद अगर बिल्डर दोषी पाया गया तो उन्हें 3 साल जेल तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके आलावा जल्द ही नई रेंटल नीति का भी ऐलान किया जाना है।

मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक़ संविधान में भेदभाव को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं जिन्हें आधार मानकर कानून में ये नई चीज़ें जोड़ी जा रहीं हैं। इसके अलावा सरकार की जिम्मेदारी है कि वो घर खरीदने वाले नागरिकों को किसी भी तरह के भेदभाव से दूर रखे। इस कानून के दायरे में घर खरीदने के दौरान जातिगत, रंगभेद, लैंगिक, सेक्शुअल ओरियंटेशन और खानपान के आधार पर किए गए भेदभाव की घटनाओं पर सुनवाई की जाएगी। भेदभाव के शिकार खरीदार स्टेट ट्रिब्यूनल में अपील कर सकेंगे। गौरतलब है कि कई धर्म विशेष के लोगों और बैचलर्स लड़कों को घर खरीदने के दौरान इस तरह की दिक्कतों का सामना करने की कई घटनाएं सामने आती रहीं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *