पटना : ग्रामीण टोला संपर्क योजना (जीटीएसएनवाइ)के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण में जमीन एक बड़ी बाधा बनेगी. पांच साल के भीतर राज्य के बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ देना है. 100 से कम आबादी वाले बसावटों में पंचायत के जरिये सड़क का निर्माण होगा. सड़क निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर रैयती जमीन की जरूरत होगी. पांच साल के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार को करीब 14 सौ एकड़ रैयती जमीन की दरकार है. इतने बड़े पैमाने पर जमीन के लिए सरकार को सड़क निर्माण का बड़ा हिस्सा इस पर खर्च करना होगा. सरकार ने इतनी जमीनों के जुगाड़ की जिम्मेवारी पंचायतों को सौंपी है. अब पंचायत के स्तर पर जमीन की तलाश की जायेगी.
ग्रामीण टोला संपर्क योजना (जीटीएसएनवाइ) मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यह योजना इसी वित्तीय वर्ष से शुरू की गयी है. इसते तहत 500 से कम और सौ से अधिक आबादी वाले बसावटों में सड़क का निर्माण होना है. वित्तीय वर्ष 2021 तक सभी बसावटों को सड़क से जोड़ देना है. राज्य में 20342 ऐसी बसावटें हैं, जहां सड़क नहीं है. इस साल ढाई सौ से अधिक बसावटों को सड़क से जोड़ दिया जायेगा.
विभागीय जानकारी की राय में सौ से अधिक आबादी वाली बसावटों में 9944.39 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा.
इस पर 6106.12 करोड़ का खर्च आयेगा. विभाग अपनी सड़कों के निर्माण में प्रति किलोमीटर 70 से 80 लाख रुपया खर्च करता है. जीटीएसएनवाइ की सड़कों पर यातायात का बहुत प्रेशर बहुत नहीं होगा इसलिए इन सड़कों के निर्माण पर प्रति किलोमीटर 50 लाख का खर्च आयेगा. 9944.39 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लिए 5357510.55 वर्ग मीटर जो 1323.87 एकड़ होता है, इतनी रैयती जमीन को सरकार को एक्वायर करना होगा.
विभाग एक वरीय अधिकारी के अनुसार हर जगह के सर्किल रेट में अंतर होता है इसलिए इतनी जमीन के लिए कितनी राशि की जरूरत होगी इसका आकलन किया जा रहा है. विभाग राशि की व्यवस्था करेगा.