पिछले 3 दिनों से नगर पालिका फिल्टर प्लांट से तय समय से 12-12 घंटे देरी से पानी की सप्लाई कर पा रही थी। अब माचना एनीकेट ने पूरी तरह से जवाब दे दिया है। शनिवार को शहर की टंकियां नहीं भर पाई और शहर के 18 वार्डों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई। इससे कोठीबाजार, कालापाठा, गंज, सदर क्षेत्र के 18 वार्डों में पानी की सप्लाई नहीं हुई। ऐसे में कई क्षेत्रों में 5-6 दिनों से नल नहीं आ रहे हैं। प्रशासन ने जलसंकट को देखते हुए धारा 144 के तहत निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।
शहर में स्थित नपा के ट्यूबवेल भी जवाब देने लगे हैं। 15 ट्यूबवेल तो पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। अन्य चालू ट्यूबवेल भी बंद होने की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं। फिल्टर प्लांट के बंद हो जाने के बाद पूरा शहर टैंकरों के भरोसे हो गया है। इधर नगर पालिका के पास इतने संसाधन भी नहीं है कि वह पूरे शहर को टैंकरों से पर्याप्त पानी पहुंचा सके। नपा के पास खुद के 2 ट्रैक्टर है जबकि 5 किराए पर लिए हैं। इनसे फिल्टर प्लांट चालू रहने की स्थिति में 50 से 60 टैंकर पानी सप्लाई हो पा रहा था। अब पूरे शहर को कम से कम 200 टैंकर पानी रोज चाहिए।
उपलब्ध संसाधनों से यह बिल्कुल संभव नहीं है। नपा और जनप्रतिनिधियों की अपील के बाद समाजसेवी नवनीत श्रीवास ने 2, प्रशांत तिवारी, शिवराज परिहार, रीतेश मालवी ने 1-1 टैंकर मुहैया कराया है। गुड्डू मिश्रा भी स्वयं एक टैंकर पानी रोजाना वितरण कर रहे हैं।
ब्रज डेयरी से 14000 लीटर और वन विभाग से 4000 लीटर क्षमता वाले टैंकर भी मिले हैं पर इनकी शर्त यही थी कि वे वार्डों में लेकर नहीं घूमेंगे। ऐसे में इनसे प्लांट के संपवेल को भरवाने का काम कराया जा रहा है ताकि इसके भरने पर सप्लाई की जा सके।
पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं
जनसहयोग से टैंकर तो उपलब्ध हो जाएंगे, लेकिन पानी की व्यवस्था करना टेड़ी खीर है। नपा के 104 में से 15 ट्यूबवेल पहले से बंद पड़े हैं। चक्कर रोड के जिस ट्यूबवेल से नपा टैंकर भरती है उसके आसपास भी जल स्तर गिरता जा रहा है। वहां के लोग ने भी इसका विरोध किया। इस ट्यूबवेल से पहले 20 मिनट में टैंकर भरता था, अब 1 घंटा लगता है। इसी तरह स्वागत कॉफी हाउस वाले हाईडेंट के कारण भी उस क्षेत्र में जल स्तर तेजीसे गिर रहा है। बडोरा मंडी के ट्यूबवेल में पर्याप्त पानी को देखते हुए उसे भी लेने की योजना है।