लकड़ी नहीं, गैस चूल्हा पर बनेगा मिड डे मील

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में अब लकड़ी के चुल्हों में नहीं, बल्कि गैस में बने मध्याह्न भोजन बच्चों को मिलेंगे. इसके लिए सभी स्कूलों में गैस कनेक्शन लिये जायेंगे. साथ ही जीविका व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी इससे जोड़ा जायेगा. इसके अलावा अगर किसी दिन बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं दिये जाते हैं तो उस दिन का राशि उनके खाते में दी जा सकती है. यह निर्देश बुधवार को मध्याह्न भोजन योजना की बैठक में लिये गये.

शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी की अध्यक्षता मेें विभाग में आयोजित बैठक में मध्याह्न बोजन पदाधिकारियों व पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया कि सभी स्कूलों को एलपीजी कनेक्शन लेना होगा. स्कूल के प्रधानाचार्य इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करेंगे. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मध्याह्न भोजन बनाने के दौरान उठने वाले धुंआ से बच्चों व खाना बनाने वाले रसोइयों के स्वाथ्य को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है.

गैस में मध्याह्न भोजन बनने के बाद स्कूलों के बच्चों की लगातार स्वास्थ्य की जांच भी करायी जायेगी. इसके लिए संबंधित जिले के डीएम प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग भेजेंगे और स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां जांच शिविर लगायेगी. इसके साथ-साथ किसी दिन बच्चों को मध्याह्न भोजन का लाभ नहीं मिल पाता है तो उस दिन की राशि उनके खाते में भेजने की भी तैयारी की जा रही है. शिक्षा मंत्री ने बताया कि मध्याह्न भोजन योजना से जीविका कमियों को भी जोड़ा जायेगा.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिन प्रखंडों में जीविका की स्वयं सहायता समूह मजबूत है वहां उन्हें इस योजना से जोड़ा जायेगा. इसके अलावा अब हर छह महीने में मध्याह्न भोजना योजना की समीक्षा होगी.

स्कूलों में शुरू होगी अंकुरण योजना

प्रारंभिक स्कूलों में अंकुरण योजना शुरू की जायेगी. इसमें किचेन गार्डन को डेवलप किया जायेगा. इस गार्डन में सब्जियां उपजाई जायेगी और इसका उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जायेगा. इस किचेन गार्डेन का विकास यूनिसेफ और पूसा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जाये.

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